Last Updated: Wednesday, April 11, 2012, 10:44
कोच्चि : रक्षा खरीद में भ्रष्टाचार के आरोपों पर मचे हालिया बवाल की पृष्ठभूमि में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा है कि देश का हित ही सर्वोपरि है और इसमें ‘न तो किसी चीज को छुपाया जाएगा न ही किसी के खिलाफ बदले की भावना दिखाई’ जाएगी।
भारतीय तटरक्षक बल के एक कार्यक्रम से इतर बुधवार को संवाददाताओं से बातचीत में एंटनी ने कहा, ‘भारत का हित ही हमारी एकमात्र चिंता है। हम किसी कंपनी या देश के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन भारत के हित सर्वोपरि हैं।’ थलसेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह की ओर से किए गए रिश्वत की पेशकश संबंधी खुलासे की रोशनी में सवालों के जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि कोई संदेह होगा तो जांच का आदेश दिया जाएगा। न तो किसी चीज को छुपाना और न ही किसी के खिलाफ बदले की भावना दिखाना हमारी नीति है। यदि तनिक भी संदेह होता है तो इसकी जांच की जाएगी।’ एंटनी ने कहा कि रक्षा खरीद प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाए जाने की कोशिशें जारी हैं।
मंत्री ने कहा, ‘हम लोगों को अनुबंध नहीं मिलते तो आलोचनाएं शुरू हो जाती हैं और आरोप लगाए जाने लगते हैं। कुछ कंपनियां अधिकारियों को प्रभावित करने की कोशिश करती हैं और यदि ऐसा साबित हो जाता है तो कार्रवाई की जाएगी।’ एंटनी ने कहा कि इजरायल, रूस, जर्मनी और सिंगापुर की छह कंपनियां और भारत की दो कंपनियों को हाल ही में काली सूची में डाला गया है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले हफ्ते हुई बैठक में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने सालाना परियोजनाओं, पंचवर्षीय परियोजनाओं और दीर्घकालिक योजनाओं को मंजूरी दी। थलसेना और रक्षा मंत्रालय के बीच कथित मतभेदों के बाबत एंटनी ने कहा, ‘दोनों एक ही इमारत से काम कर रहे हैं। किसी तरह की संवादहीनता नहीं है न ही किसी तरह का टकराव है। मैं संयुक्त परिवार की तरह काम करता हूं। मैं काफी सहज हूं। मैं सशस्त्र बलों, उनकी प्रतिबद्धताओं, उनके समर्पण का आदर करता हूं। मुझे इस पर गर्व है।’
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 11, 2012, 16:15