Last Updated: Friday, November 2, 2012, 23:47

नई दिल्ली : भ्रष्टाचार के आरोपों की झड़ी के बीच राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार से लड़ने के नाम पर बदनाम करने अथवा छवि खराब करने वाले ‘दुष्प्रचार’ के खिलाफ चेतवानी दी।
अखिल भारतीय लोकायुक्त सम्मेलन का उद्घाटन करते हुये राष्ट्रपति ने कहा कि भ्रष्टाचार की महामारी के खिलाफ गुस्सा जायज़ है क्योंकि यह ‘प्लेग’ के खिलाफ एक आंदोलन के जैसा है। उन्होंने लेकिन इस बात पर ज़ोर दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह विरोध देश के लोकतांत्रिक संस्थानों पर हमले के लिए बहाना न बने।
मुखर्जी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भ्रष्टाचार रोकने के नाम पर प्रतिष्ठा को आहत करने वाले निंदक प्रचार न चलाए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठा को हानि पहुंचाने के लिए झूठे आरोप ठीक नहीं हैं।
सरकार द्वारा भ्रष्टाचार रोकने के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि फैसला लेने में जायज़ गलती और उद्देश्यपूर्ण तरीके से किए गए गलत काम में अंतर समझा जाना चाहिए।
विभिन्न ‘संस्थानों’ को संविधान का स्पष्ट स्तंभ बताते हुए प्रणब ने कहा कि उन्हें नष्ट कर भ्रष्टाचार से नहीं निबटा जा सकता उन संस्थानों को पुनर्गठित किए जाने की जरूरत है ताकि वे पहले से अधिक मजबूत हो सकें।
देश के सामने चुनौतियों में भ्रष्टाचार के प्रमुख मुद्दा होने की बात स्वीकार करते हुए कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुकाबले के लिए संप्रग सरकार प्रतिबद्ध है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए अधिकतम ध्यान रखा जाना चाहिए कि लोगों की छवि खराब नहीं हो।
कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को उन लोगों को हथियाने की अनुमति नहीं दी जाएगी जो इसका इस्तेमाल अपने राजनीतिक लाभ के लिए करना चाहते हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर काबू के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का जिक्र किया। इस क्रम में उन्होंने व्हिसलब्लोअर (भंडाफोड करने वाले) सुरक्षा विधेयक सहित अन्य विधेयकों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार सुनिश्चित करेगी कि लोकपाल विधेयक संसद में पारित हो जाए।
नारायणसामी ने कहा कि वह आश्वस्त करते हैं कि लोकपाल विधेयक पारित होगा। लोकसभा ने इस विधेयक को पारित कर दिया है और राज्यसभा की एक प्रवर समिति इस पर विचार कर रही है। इस समिति की रिपोर्ट शीतकालीन सत्र में आने की उम्मीद है। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 2, 2012, 23:47