Last Updated: Wednesday, August 15, 2012, 13:37

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश के पहले मंगल मिशन की घोषणा करते हुए आज कहा कि भारत मंगल पर एक मिशन भेजेगा जो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बड़ा कदम होगा।
देश के 66वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम संदेश में कहा, ‘कैबिनेट ने हाल ही में मार्स (मंगल) आर्बिटर मिशन को मंजूरी दी है। इस मिशन के तहत हमारा अंतरिक्षयान मंगल के नजदीक जाएगा और महत्वपूर्ण वैज्ञानिक जानकारी एकत्रित करेगा।’
उन्होंने कहा, ‘‘मंगल मिशन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश के लिए एक बड़ा कदम होगा।’’ अमेरिका, रूस, यूरोप, जापान और चीन के बाद भारत मंगल पर मिशन भेजने वाला छठा देश होगा। यदि यह मिशन सफल होता है तो भारत पहला ऐसा एशियाई देश होगा क्योंकि चीन और जापान को बीच रास्ते में हाथ खींचना पड़ा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के प्रस्ताव के अनुसार अगले साल नवंबर में 450 करोड़ रुपये लागत वाले मंगल आर्बिटर मिशन को भेजा जा सकता है, जिसमें 25 किलोग्राम का वैज्ञानिक पेलोड होगा। अंतरिक्षयान को मंगल की कक्षा में पहुंचने में करीब 300 दिन लग सकते हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, August 15, 2012, 13:37