मंत्रिमंडल ने कल्याण योजनाओं को किया एकीकृत

मंत्रिमंडल ने कल्याण योजनाओं को किया एकीकृत

नई दिल्ली : केंद्र सरकार की कल्याण योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को बहुत सी योजनाओं को एकीकृत कर दिया, जिससे केंद्र सरकार की कल्याण योजनाओं की संख्या 170 से घटकर 66 हो गई है।

केंद्र सरकार ने योजनाओं के क्रियान्वयन में बदलाव को लेकर 10 प्रतिशत की छूट राज्य सरकारों को दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने कहा कि राज्यों की शिकायत रही है कि केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के दिशा-निर्देश बेहद कड़े रहे हैं। हमने अब दिशा-निर्देशों को अधिक लचीला बनाया है और इस संबंध में 10 प्रतिशत अधिकार राज्य सरकारों को दिए हैं।

इसका अर्थ यह है कि केंद्र-प्रायोजित योजनाओं पर केंद्र सरकार जो 1.86 लाख करोड़ रुपये खर्च करती है, उनमें से 18,700 करोड़ रुपये राज्यों के लिए होंगे और उन्हें यह राशि अपने विवेक से खर्च करने का अधिकार होगा। आहलूवालिया ने कहा कि यह कदम प्रयोग के तौर पर उठाया गया है और इसकी सफलता के बाद संबद्ध मंत्रालय इसे अधिक सफल बनाने पर विचार करेगा। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्मित योजनाएं इस साल शुरू होंगी और ये बड़े पैमाने पर अगले वित्त वर्ष के दौरान सामने आएंगी।

आहलूवालिया ने कहा कि राज्यों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है कि योजनाओं पर राज्यों को दिशा-निर्देश भी जारी हो सकते हैं, जो इस उद्देश्य के लिए गठित अंतर-मंत्री स्तरीय समिति की अनुशंसाओं पर आधारित हो सकते हैं। (एजेंसी)

First Published: Thursday, June 20, 2013, 20:15

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