Last Updated: Thursday, July 4, 2013, 20:38

नई दिल्ली : खाद्य सुरक्षा विधेयक को लागू करने के लिए अध्यादेश लाने के सरकार के फैसले पर विपक्ष की आलोचना पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने आज आरोप लगाया कि विपक्ष संसदीय शिष्टता को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रहा है।
सूचना और प्रसारण मंत्री ने पिछले सत्रों में संसद की कार्यवाही बाधित होने का जिक्र करते हुए कहा, ‘यह वाकई हास्यास्पद है कि जो लोग शिष्टता के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, उन्हीं ने अवरोध पैदा करने में पीएचडी कर रखी है।’ जाहिर तौर पर भाजपा का जिक्र करते हुए तिवारी ने कहा कि विपक्ष ने संसदीय परंपराओं के प्रति बिल्कुल सम्मान नहीं दिखाया है और उसके रख के कारण ही संसद के दो सत्र खाली चले गये।
तिवारी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘खाद्य सुरक्षा अध्यादेश के संबंध में मूलभूत सवालों या मूलभूत आलोचनाओं पर जवाब तभी दिया जा सकता है जब राष्ट्रपति इसे लागू कर दें। लेकिन मुझे हंसी आती है कि कौन लोग हैं जो संसदीय शिष्टताओं की बात कर रहे हैं, संसद के सत्र को लेकर कौन लोग चिंता दिखा रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘ये वही लोग हैं जिन्होंने अवरोध पैदा करने में पीएचडी हासिल कर रखी है।’
मंत्री ने कहा, ‘क्या हम सभी को नवंबर, 2010 में हुआ संसद सत्र याद नहीं जो पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गया था। क्या हमें पिछले साल का मॉनसून सत्र याद नहीं जो पूरी तरह शोर-शराबे में निकल गया।’ खाद्य सुरक्षा विधेयक को लागू करने के लिए अध्यादेश लाने के सरकार के फैसले की भाजपा और वामदलों समेत सभी बड़े विपक्षी दलों ने आलोचना की है। सरकार को बाहर से सहयोग दे रही सपा ने भी सरकार पर जल्दीबाजी करने का आरोप लगाया है।
जेट-एतिहाद करार से जुड़े सवाल पर तिवारी ने कहा कि सरकार ने सभी बिंदुओं पर विचार करने के बाद फैसले लिये। उन्होंने कहा, ‘जब आप आर्थिक क्षेत्र में उदारता बरतते हैं तो जाहिर तौर पर लोग आते हैं और अपना पक्ष रखते हैं। जब सरकार कोई निर्णय लेती है तो सभी संभावित बिंदुओं पर विचार करती है और राष्ट्रीय हित में सर्वश्रेष्ठ संभावित निर्णय पर पहुंचती है।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 4, 2013, 20:38