मदनी का मोदी प्रेम, मुस्लिम संगठनों ने जताई नाराजगी| Madani

मदनी का मोदी प्रेम, मुस्लिम संगठन नाराज

मदनी का मोदी प्रेम, मुस्लिम संगठन नाराजज़ी न्यूज ब्यूरो

नई दिल्ली : एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में मुस्लिम समुदाय पर खासा प्रभाव रखने वाले एक धार्मिक गुरु ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन किया है। मोदी को 2014 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पीएम पद के उम्मीदवार के रूप में देख जा रहा है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने कहा, ‘गुजरात में मुसलमानों की स्थिति खराब है लेकिन कुछ कथित धर्मनिरपेक्ष राज्यों में मुसलमानों की स्थिति बदतर है।’

एक टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में मदनी ने कहा कि सरकार मुस्लिमों में मोदी का भय पैदा कर सकती है लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय यह सब देखते आया है।

मदीने की इन बातों का भाजपा ने स्वागत किया है।

समाचार पत्र डीनए के मुताबकि भाजपा प्रवक्ता राजीव प्रताव रूडी ने कहा कि भाजपा के शासन में मुस्लिम समुदाय ने खुशहाली का अनुभव किया है। यह समुदाय वोट बैंक की राजनीति का शिकार हुआ है।

मदनी के बयानों पर हालांकि कई मुस्लिम संगठनों ने नाराजगी जताई है।

दारूल उलूम के मोहतमिम मुती अबुल कासिम नौमानी ने कहा कि दीनी तालीमी इदारा होने के कारण दारूल उलूम सियासी मामलों पर कोई राय नहीं देता है। इसलिए वह मौलाना महमूद मदनी के नरेंद्र मोदी के बारे में दिए गए बयान पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करेंगे।

दीनी तालीमी संस्था के विद्वान मौलाना अब्दुल्ला जावेद ने कहा कि भाजपा जब तक अपने पुराने रास्ते से बाहर नहीं आती है, उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा का चेहरा जब अटल बिहारी वाजपेयी जैसे धर्म निरपेक्ष व्यक्ति का होगा, उस दिन भाजपा सत्ता में होगी।

हालांकि, बाद में मदनी ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने सिर्फ गुजरात के संदर्भ में यह बात कही है।

First Published: Tuesday, February 19, 2013, 14:21

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