Last Updated: Monday, July 16, 2012, 13:08

नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी, उनकी पत्नी और दो अन्य लोगों को पूर्व में सुनाई जा चुकी उम्रकैद की सजा को सोमवार को बरकरार रखा।
मुख्य न्यायाधीश बरीन घोष और न्यायमूर्ति यू सी धयानी की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने प्रकाश पांडेय को भी उम्रकैद की सजा सुनाई जिसे पहले देहरादून की सीबीआई अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया था।
चारों दोषियों की याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि अमरमणि या अन्य किसी दोषी को राहत नहीं दी जा सकती क्योंकि सीबीआई ने मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में उनकी भूमिका साबित की है। यह जानकारी मधुमिता की बहन निधि शुक्ला के वकील वीरेंद्र सिंह अधिकारी ने दी।
अदालत ने निचली अदालत को पांडेय को तत्काल हिरासत में लिये जाने का भी निर्देश दिया। वर्ष 2003 में लखनउ में मधुमिता की हत्या की साजिश रचने और उसे अंजाम देने के मामले में देहरादून की एक अदालत ने 2007 में अमरमणि त्रिपाठी, उनकी पत्नी मधुमणि और दो अन्य लोगों रोहित चतुर्वेदी तथा संतोष कुमार राय को दोषी ठहराया था और उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
जांच में यह बात सामने आई कि हत्या के वक्त मधुमिता गर्भवती थी और पांडेय और राय ने उनके घर जाकर उन्हें गोली मारी थी। अदालत के फैसले से त्रिपाठी को झटका लगा है। वह राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ने के लिहाज से जमानत पाने के लिए पहले कई कोशिशें कर चुके हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 16, 2012, 13:08