Last Updated: Monday, December 12, 2011, 10:40
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के एकमत नहीं होने का दावा करते हुए भाजपा ने सोमवार को कहा कि सरकार को दरियादिली दिखानी होगी और राजनीतिक सहमति दिखाने के लिए ‘बड़े भाई’ वाले रूख से परहेज करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इसके जरिये ही आर्थिक सुधार हो सकता है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली ने आम बजट से जुड़ी अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा शुरू करते हुए कहा कि यदि आपको राजनीतिक सहमति बनानी है तो सरकार को दरियादिली दिखानी चाहिए। आप बड़े भाई वाला व्यवहार जारी नहीं रख सकते।
संप्रग के राजनीतिक ढांचे पर सवालिया निशान लगाते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री निदेशक मंडल के निर्णय करने वाला महज सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) नहीं हो सकता। उसके पास अधिकार और विश्वास होना चाहिए। भाजपा नेता ने कहा कि संप्रग प्रथम में दोनों नेतृत्व की एकराय थी लेकिन संप्रग द्वितीय में ऐसा प्रतीत होता है कि विचारधारा के मामले में भी एकमत नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जैसे मुद्दों पर भी संप्रग अध्यक्ष का एक भी बयान नहीं आया है और संप्रग घटकों के बीच भी कोई सहमति नहीं है। हमसे कुछ कहने से पहले कृपया संप्रग के भीतर सहमति कायम करिए। जेटली ने कहा कि कोयला आबंटित करने जैसे मामलों में यदि गैर कांग्रेस शासित राज्यों के साथ भेदभाव होता रहा तो केन्द्र में विपक्षी दलों का सहयोग सुनिश्चित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि कई राज्यों के विधेयक राज्यपाल की मंजूरी के लिए लंबित हैं।
(एजेंसी)
First Published: Monday, December 12, 2011, 21:11