Last Updated: Monday, July 9, 2012, 23:45

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की काबिलियत पर उठते सवालों ने सरकार को बेचैन कर दिया है। प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन में प्रधानमंत्री को फिसड्डी करार दिए जाने के बाद सोमवार को सरकार के आला मंत्री उनके बचाव में आगे आए। केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम और सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने प्रधानमंत्री पर पूरा भरोसा जताया।
प्रधानमंत्री की क्षमता पर उठे सवालों के जवाब में चिदंबरम ने कहा, `टाइम दुनिया में छपने वाली ढेरों पत्र-पत्रिकाओं में से एक है। उसके आलेख में भी सबसे पहले यूपीए-एक की सफलताओं को गिनाते हुए सवाल पूछा गया है कि क्या इस वक्त प्रधानमंत्री खड़े होंगे? लिहाजा हमारा जवाब है, हां निश्चित तौर पर। हमें पूरा भरोसा है कि इस मुश्किल दौर से निकलकर हम ऊंची विकास दर पर लौटेंगे।`
सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि केवल एक पत्रिका में छपे लेख पर बात का बतंगड़ बनाया जा रहा है। दरअसल, सरकार की चिंता इस बात को लेकर भी है कि अभी सरकार में उसे करीब दो साल और रहना है। ऐसे में अगर अंतरराष्ट्रीय प्रचार में नाकामी का सुर तेज हुआ तो हालात सुधारने की कोशिशें भी परवान नहीं चढ़ पाएंगी।
दूसरी तरफ बीजेपी ने कहा है कि डॉ. मनमोहन सिंह की वजह से दुनिया भर में देश की छवि खराब हुई है, इसलिए उन्हें प्रधानमंत्री के पद पर बने रहने की जरूरत नहीं है।
पार्टी का कहना है कि टाइम मैगजीन ने सिंह के बारे में जो कुछ कहा है, उसमें नया कुछ भी नहीं है। देश के लोग लंबे वक्त से यही बात कह रहे हैं। बीजेपी महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि भारत पहले ही जान गया है कि मनमोहन उम्मीद से कम सफलता पाने वाले व्यक्ति हैं।
टाइम मैगजीन नीतिगत फैसले लेने में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की नाकामियों के चलते उन्हें अंडरएचीवर करार दिया है। टाइम के इस लेख ने मुख्य विपक्षी दल बीजेपी को प्रधानमंत्री पर हमला बोलने का मौका दे दिया। बीजेपी ने मनमोहन पर अपने पुराने आरोप दोहराते हुए कहा कि इससे देश की छवि विदेशों में खराब हो रही है। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 9, 2012, 23:45