Last Updated: Friday, August 16, 2013, 08:37

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि तंग और सांप्रदायिक विचारधारा से लोकतंत्र कमजोर होगा इसलिए उसे पनपने से रोकना चाहिए। लोकसभा चुनावों से पहले सिंह की इस टिप्पणी को नरेन्द्र मोदी सरीखी राजनीति पर परोक्ष हमले के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि आधुनिक, प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष देश में संकीर्ण और सांप्रदायिक विचारधारा के लिए कोई स्थान नहीं है क्योंकि यह समाज को बांटता है और लोकतंत्र को कमजोर करता है।
ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से 67वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देशवासियों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि आजादी के बाद के हर दशक में भारत में बडे परिवर्तन आए हैं। हमें आज यह सोचना है कि आने वाले दस साल में हम किस तरह का परिवर्तन चाहते हैं। पिछले दस साल में जैसी प्रगति हमने की, यदि हम उसे आगे भी जारी रखें तो वह वक्त दूर नहीं जब भारत को गरीबी, भूख, बीमारी और अशिक्षा से पूर्ण रूप से मुक्ति मिल जाएगी।
उन्होंने कहा कि इसके लिए हम सबको मिलकर देश में राजनीतिक स्थिरता, सामाजिक एकता और सुरक्षा का माहौल बनाना होगा। सिंह ने कहा कि एक आधुनिक प्रगतिशील और धर्म निरपेक्ष देश में तंग और सांप्रदायिक ख्यालों की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती। ऐसी सोच हमारे समाज को बांटती है और हमारे लोकतंत्र को कमजोर करती है। हमें इसे रोकना होगा। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति की उन परंपराओं को मजबूत करना होगा जो हमें अन्य विचारधारों के प्रति सहनशील होना और उनका सम्मान करना सिखाती है।
मैं आज सभी राजनीतिक दलों, समाज के सभी वर्गों और आम जनता से इस दिशा में प्रयास करने की अपील करता हूं। अपने करीब 30 मिनट के भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा भारत खुशहाल होगा और उसकी खुशहाली में सभी नागरिक बराबर के शरीक होंगे चाहे उनका धर्म, जाति, क्षेत्र, भाषा कुछ भी हो । इसके लिए हम सबको मिलकर देश में राजनीतिक स्थिरता, सामाजिक एकता और सुरक्षा का माहौल बनाना होगा। सिंह ने कहा कि मेरा मानना है कि पिछला दशक भी हमारे देश के इतिहास में बहुत बडे बदलावों का दशक रहा है। देश की आर्थिक समृद्धि जितनी इस दशक में बढ़ी है, उतनी पहले किसी दशक में नहीं बढ़ी।
लोकतांत्रिक ताकतों को बढ़ावा मिला है और समाज के बहुत से वर्ग विकास की प्रक्रिया से पहली बार जुड़े हैं। आम आदमी को नए अधिकार मिले हैं जिनकी बदौलत उसकी सामाजिक और आर्थिक ताकत बढ़ी है। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 15, 2013, 21:38