मनमोहन सरकार का बदला चेहरा, पदोन्नत हुए सलमान खुर्शीद

मनमोहन सरकार का बदला चेहरा, पदोन्नत हुए सलमान खुर्शीद

मनमोहन सरकार का बदला चेहरा, पदोन्नत हुए सलमान खुर्शीदनई दिल्ली : भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने 2014 में होने वाले आम चुनाव से पहले मंत्रिपरिषद का चेहरा बदलने और उसे नया स्वरूप देने की कोशिश के तहत रविवार को इसमें व्यापक फेरबदल किया। इस फेरबदल के तहत सलमान खुर्शीद को विदेश मंत्री, पवन कुमार बंसल को रेल मंत्री, पल्लम राजू को मानव संसाधन विकास मंत्री और एम. वीरप्पा मोइली को पेट्रोलियम मंत्री बनाया गया है। कुल मिलाकर इस फेरबदल में सात ने कैबिनेट मंत्री, दो ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 13 ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली। इस प्रकार कुल 22 सदस्यों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया। कुछ राज्य मंत्रियों को प्रोन्नत कर स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है तो कई मंत्रियों के विभाग बदले गए हैं और कुछ नए चेहरे भी शामिल किए गए हैं। शशि थरूर की करीब ढाई वर्षों बाद वापसी हुई है। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी सरकार में शामिल नहीं हुए।

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में नेताओं को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। फेरबदल के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नए मंत्रिमंडल को अनुभवी व युवाओं का मेल बताया। उन्होंने कहा कि आगे का रास्ता चुनौतियों से भरा है। इस फेरबदल में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे सलमान खुर्शीद को नया विदेश मंत्री बनाया गया है। उन्होंने एस.एम. कृष्णा का स्थान लिया है। खुर्शीद पहले कानून मंत्री थे। कानून मंत्रालय का प्रभार अब अश्विनी कुमार को दिया गया है। खुर्शीद पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत पी.वी. नरसिम्ह राव के कार्यकाल में विदेश राज्य मंत्री के रूप में काम कर चुके हैं।

कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शपथ लेने वाले सात में से दो चेहरे- राज्यसभा के पूर्व उप सभापति के. रहमान खान और चंद्रेश कुमारी कटोच नए हैं। पांच अन्य- अजय माकन, एम. एम. पल्लम राजू, दिनशा पटेल, हरीश रावत तथा अश्विनी कुमार को राज्य मंत्री से कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रोन्नति दी गई है जबकि सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया, के. एच. मुनियप्पा, भरत सिंह सोलंकी, जितेंद्र सिंह को तरक्की देकर राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है।

राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में तरक्की पाने वालों में सचिन पायलट को कॉरपोरेट मामलों, ज्योतिरादित्य सिंधिया को विद्युत, मुनियप्पा को सूक्ष्म, लघु और मझोले उपक्रम, सोलंकी को पेयजल व स्वच्छता और जितेंद्र सिंह को युवा व खेल मामलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पल्लम राजू को मानव संसाधन विकास मंत्रालय दिया गया है। इससे पहले वह रक्षा राज्य मंत्री थे। मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी शशि थरूर को दी गई है। उन्होंने वर्ष 2010 में आईपीएल कोच्चि क्रिकेट टीम से सम्बंधित मामले में अपने कथित हितों को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

रेलवे मंत्रालय की जिम्मेदारी पवन कुमार बंसल को दी गई है, जो तृणमूल कांग्रेस के सरकार से अलग होने के बाद रिक्त पड़ा था। सी. पी. जोशी रेल मंत्री का अतिरिक्त प्रभार देख रहे थे। एम. वीरप्पा मोइली को पेट्रोलियम मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि उनके पूर्ववर्ती प्रभार कॉरपोरेट एवं बिजली मंत्रालय को बांट दिया गया है। कैबिनेट मंत्री हरीश रावत को जल संसाधन मंत्री और कटोच को संस्कृति मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। अजय माकन को प्रोन्नति देते हुए आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री बनाया गया है, जबकि दिनशा पटेल को खान मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है।

एस. जयपाल रेड्डी को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है, जबकि कमलनाथ को शहरी विकास के अतिरिक्त संसदीय कार्य मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य मंत्री के रूप में शपथ लेने वालों में कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी भी शामिल हैं, जिन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। इससे पहले यह मंत्रालय अम्बिका सोनी के पास था, जिन्होंने कांग्रेस के संगठन में काम करने की इच्छा जताते हुए इस्तीफा दे दिया था।

प्रजा राज्यम पार्टी का कांग्रेस में विलय करने वाले तेलुगू अभिनेता से नेता बने चिरंजीवी को इनाम स्वरूप पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। आंध्र प्रदेश से सर्वाधिक नेताओं को केंद्रीय मंत्रिपरिषद में जगह मिली है। इनमें पल्लम राजू, चिरंजीवी, कोटला जय सूर्यप्रकाश रेड्डी, सर्वे सत्यनारायण, पोरिका बलराम नाईक तथा के. किल्ली शामिल हैं। इसका उद्देश्य राज्य में पार्टी को मजबूती प्रदान करना है, जहां उसे वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और तेलंगाना आंदोलन के कारण जबरदस्त चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

पश्चिम बंगाल से तीन नए चेहरों को शामिल किया गया है, जिनमें अधीर रंजन चौधुरी, दीपा दासमुंशी और ए. एच. खान चौधरी शामिल हैं। तीनों राज्य में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कटु आलोचक माने जाते हैं। कांग्रेस ने इस फेरबदल को सार्थक बदलाव बताया है वहीं भाजपा ने कहा है कि इस बदलाव में कुछ भी नया नहीं है और ऐसा करके छवि बचाने की कोशिश की गई है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, October 28, 2012, 08:45

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