Last Updated: Tuesday, July 17, 2012, 22:41
सोनभद्र (यूपी) : केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने मनरेगा के क्रियान्यवन में पारदर्शिता लाए जाने और अनियमित्ताओं के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किये जाने की जरूरत पर जोर देने की बात कही है।
रमेश ने आज यहां संवादाताओं से बातचीत में परोक्ष रूप से जिले के पूर्व जिलाधिकारी एवं वर्तमान में मुख्यमंत्री के विशेष सचिव पंधारी यादव की ओर इशारा करते हुए कहा, मनरेगा के क्रियान्वयन में हुए घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें किसी भी हालत में संरक्षण नहीं मिलना चाहिए। मैंने इस संबंध में मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया था।
यहां एक कार्यक्रम में भाग लेने आये रमेश ने कहा कि मनरेगा के क्रियान्वयन में चार सौ करोड़ रूपये के घोटाले को लेकर यह जिला चर्चा में रहा है और उन्होंने न केवल पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से, बल्कि मौजूदा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी इस मामले की गहराई से जांच कराने का अनुरोध किया है।
उल्लेखनीय है कि मनरेगा में कथित तौर पर हुए उक्त घोटाले के समय पंधारी यादव यहां जिलाधिकारी थे और वह फिलहाल मुख्यमंत्री सचिवालय में विशेष सचिव के पद पर तैनात हैं।
रमेश ने मनरेगा एवं अन्य विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में ग्राम पंचायत स्तर तक पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित किये जाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि अब 10 से 15 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में होने वाले विकास कार्यो का लेखा परीक्षण का काम नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक (कैग) द्वारा नियुक्त चार्टर्ड एकाउन्टेट के जरिए कराया जायेगा और उसकी रिपोर्ट लोकसभा में भी पेश की जायेगी। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 17, 2012, 22:41