Last Updated: Monday, October 24, 2011, 14:07
नई दिल्ली : पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने 100 रुपये प्रति दिन की मजदूरी निर्धारित करने पर असंतोष जताया है और मांग की है कि इस राशि में लचीलापन रहना चाहिए।
राजद के उपाध्यक्ष ने यह भी सुझाव दिया कि जिला कलेक्टर के तहत ग्राम सभा की अनिवार्य बैठक बुलायी जानी चाहिए ताकि क्षेत्र में योजना के क्रियान्वयन पर नजर रखी जा सके। संप्रग को बाहर से समर्थन दे रहे राजद नेता ने कहा कि मनरेगा के तहत मजदूरी तय करने के मामले में लचीलापन रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मजदूरी की दर काम के घंटों, कार्य का प्रकार और भौगोलिक स्थिति के आधार पर तय की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों के लिए एक ही मापदंड अपनाए जाने का कोई औचित्य नहीं है। पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री ने कहा कि मैंने अपने कार्यकाल में विभिन्न अर्थशास्त्रियों की ओर से रखे गए विचारो का विरोध किया था, लेकिन संप्रग-2 ने उसे चुनाव घोषणापत्र का हिस्सा बना लिया। उन्होंने सवाल किया कि आप मैदानी इलाकों और कठिन पर्वतीय क्षेत्रों में किए गए मजदूरी के काम की तुलना कैसे कर सकते हैं।
संप्रग सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना की निगरानी किए जाने के मुद्दे पर उन्होंने कार्यक्रम के कामकाज के लिए ग्राम सभा की भूमिका पर बल दिया।
(एजेंसी)
First Published: Monday, October 24, 2011, 19:37