Last Updated: Thursday, February 2, 2012, 09:09
नई दिल्ली: यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को कहा कि गांव के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायतों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
सोनिया ने मनरेगा नाम से मशहूर इस योजना के पांच वर्ष पूरे होने पर यहां आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मौजूदगी में कहा, ‘मनरेगा में सुधार किए जाने की बातें काफी समय से चल रही हैं। अब समय आ गया है कि हम उन सुधारों को लागू करें। हम इस योजना में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की शिकायतों को नजरअंदाज नहीं कर सकते।
इस बात पर उन्होंने चिंता जताई कि फर्जी रोजगार कार्ड और हाजिरी रजिस्टर के जरिए मनरेगा के धन के गबन की शिकायतें मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी भी खबरें हैं कि केवल कागजों पर कार्यों को दर्शाया जा रहा है जबकि वास्तव में ऐसे कार्य किए ही नहीं गए। मजदूरों को उनके वेतन भुगतान में विलंब की खबरों पर भी उन्होंने नाखुशी जाहिर की।
सोनिया ने कहा कि कुछ राज्यों, खासकर ऐसे राज्य जो अपेक्षाकृत गरीब माने जाते हैं, वहां मनरेगा को लागू करने को लेकर उदासीनता साफ दिख रही है। नियंत्रक एवं महा लेखा परीक्षक द्वारा इस योजना के खर्चो का लेखा जोखा लिए जाने के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘मनरेगा में भ्रष्टाचार देश के गरीब लोगों के साथ बहुत बड़ा अन्याय होने के साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति अपराध है जिनका नाम इस योजना से जुड़ा है।’
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आने वाले दिनों में मनरेगा को इस तरह विकसित किया जाए कि यह जरूरतमंदों को स्थाई रोज़गार उपलब्ध करा सके। उन्होंने कहा कि मनरेगा को देश के लिए स्थायी परिसम्पत्ति बनाते हुए बाढ़ और सूखाड़ की समस्या से निजात पाने और पर्यावरण संरक्षण का ज़रिया बनाया जाना चाहिए।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, February 2, 2012, 14:39