Last Updated: Saturday, February 2, 2013, 14:49

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का इस्तेमाल किए जाने की पुरजोर वकालत करते हुए आज कहा कि यह योजना भारत में दूसरी हरित क्रांति लाने में बड़ी भूमिका निभा सकती है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने उद्घाटन भाषण में इस योजना को और ज्यादा कारगर बनाने पर जोर देते हुए बताया कि इस योजना के तहत मंजूर कामों की सूची में 30 नए काम जोड़े गए हैं। इनमें से ज्यादातर का जोर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजी रोटी उपलब्ध कराने पर है।
सोनिया ने मनरेगा कानून के लागू होने के सात साल पूरे होने के मौके पर यहां आयोजित एक सम्मेलन में कहा, ‘मेरा यह मानना है कि मनरेगा में कृषि उत्पादन में बढ़ोत्तरी करने की जबर्दस्त क्षमता है जिसका कि हमने आज की तारीख में पूरी तरह दोहन नहीं किया है। इसमें बहुत सारी संभावनाएं हैं।’ उन्होंने कहा कि कृषि में आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के साथ इस योजना को जोड़कर किसानों की उपज को गई गुणा बढ़ाया जा सकता है। इसमें कोई शक नहीं कि दूसरी हरित क्रांति के हमारे सपने को पूरा करने में मनरेगा एक बड़ी भूमिका निभा सकती है।
संप्रग अध्यक्ष ने इस योजना को उचित ढंग से लागू करने की दिशा में आ रही चुनौतियों को स्वीकार करते हुए कहा कि हम अकसर भ्रष्टाचार और योजना के लिए आवंटित धन का गलत तरीके से इस्तेमाल की शिकायतें सुनते हैं। इस पर रोक लगाना बहुत ही जरूरी है। सोनिया ने कहा कि सरकार सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के आधुनिक साधनों के जरिए इसकी कमियों को कम करने के लिए कदम उठाएगी साथ ही समय पर और नियमों के मुताबिक सोशल आडिट होना जरूरी है।
सोनिया ने कहा, ‘राष्ट्रीय स्तर पर मनरेगा योजना में महिलाओं की भागीदारी हालांकि पुरुषों के लगभग बराबर है लेकिन अभी भी कई राज्य हैं जहां या तो सूचना के अभाव या कार्यस्थलों पर सुविधाओं के अभाव के चलते महिलाएं भागीदारी करने में सक्षम नहीं हो रही हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यह जरूरी है कि इन समस्याओं को दूर किया जाए। वामपंथी आतंकवाद से प्रभावित जिलों में यह योजना सशक्तिकरण का एक शक्तिशाली माध्यम बन गयी है। इन इलाकों में इसे अधिक मजबूती से लागू किए जाने की जरूरत है।’
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि लोगों को सीधा आर्थिक फायदा पहुंचाने के अलावा इस योजना ने हमको बहुत से अप्रत्यक्ष लाभ भी दिये हैं। इसकी वजह से मजबूर होकर घर से पलायन करने वालो की संख्या अब कम होती जा रही है। प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में इसके अच्छे नतीजे सामने आने लगे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मनरेगा कानून से हमारी ग्रामीण आबादी की वित्तीय स्थिति में तेती आयी है। बैंकों में चार करोड़ से ज्यादा खाते खोले गए हैं और इससे भी ज्यादा डाकघरों में खाते खोले गए हैं। ये खाते हमारी ग्रामीण आबादी को सीधी नगदी अंतरण योजना से भी फायदा पहुंचाने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा, ‘इस योजना से जुड़े लोगों के तजुर्बे को मैंने ध्यान से सुना। हमें इन अनुभवों से सीख लेते हुए योजना को और बेहतर बनाने की कोशिश जारी रखनी चाहिए।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके अलावा सूचना तकनीक का इस्तेमाल भी इस योजना के सिलसिले में कई आधुनिक तरीकों से किया जा रहा है। इससे शासन को बेहतर बनाने और सरकारी काम में पारदर्शिता तथा जवाबदेही बढ़ाने में मदद मिली है और आगे भी इसकी बहुत संभावना है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, February 2, 2013, 14:43