ममता की अपील, `संप्रग सहयोगी सरकार से हट जाएं`

ममता की अपील, `संप्रग सहयोगी सरकार से हट जाएं`

ममता की अपील, `संप्रग सहयोगी सरकार से हट जाएं`  कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने आज बीमा और पेंशन क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेश निवेश की सीमा बढ़ाए जाने को ‘अनैतिक’ फैसला करार दिया और मनमोहन सरकार को सत्ता से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने पर जोर दिया। उन्होंने संप्रग के सभी सहयोगियों का आह्वान किया कि वे इसके विरोध में सरकार से हट जाएं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने लोकसभा में केंद्र की ‘अल्पमत’ सरकार के खिलाफ समान विचारधारा वाली पार्टियों से सहयोग मांगते समय कहा कि तृणमूल कांग्रेस इस संबंध में राष्ट्रपति से मिलेगी। ममता ने अपने फेसबुक पेज पर कहा, ‘सरकार का जाना जरूरी है, देश को बचाने के लिए।’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाये जाने का आह्वान करते हुए कहा, ‘अल्पमत सरकार इस तरह की अनैतिक भूमिका नहीं निभा सकती। आइए अविश्वास प्रस्ताव लाएं। हमने इस मुद्दे पर माननीय राष्ट्रपति से मिलने का फैसला किया है।’

ममता ने लिखा, ‘आज केंद्र सरकार के एक और जन विरोधी फैसलों ने लक्ष्मण रेखा पार कर दी। इन महत्वपूर्ण फैसलों का करोड़ों भारतीयों की आजीविका से सीधा संबंध है। इन फैसलों को एक अल्पमत सरकार ने लिया है जो अनैतिक फैसला है।’ उन्होंने कहा, ‘बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 26 से बढ़ाकर 49 प्रतिशत किया जाना और पेंशन क्षेत्र में 26 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दिए जाने से लोगों की जीवनभर की बचत असुरक्षित हो जाएगी।’

तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ‘क्या संप्रग सरकार का इरादा पूरे देश को बेचना है? हमें एकजुट होकर इस तरह के फैसलों का विरोध करना चाहिए और इस तरह के कई जनविरोधी फैसलों के बाद सरकार को बचाना नहीं चाहिए।’ तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि देश की जनता संप्रग सरकार को देख रही है। ममता ने कहा, ‘जो लोग संप्रग का समर्थन कर रहे हैं, मैं उनसे अपील करूंगी कि वे सामने आए और लोगों के हित में इन फैसलों का विरोध करें।’

कुछ दिन पूर्व तक संप्रग की सहयोगी रही ममता बनर्जी ने केन्द्र की संप्रग सरकार पर देश को लूटने’ और भूठ बोलने’ का आरोप लगाते हुए कहा कि एलपीजी सिलेंडरों की संख्या सीमित करने से मिड डे मील योजना बुरी तरह प्रभावित होगी। बनर्जी ने लिखा, क्या आम आदमी सुधारों से यही उम्मीद करता है? सुधार के नाम पर लूट चोलचे लूट (लूट चल रही है लूट)’। इसे दबाने के लिए भूठ चोलचे भूठ (भूठ चल रहा है भूठ)’।’ उन्होंने कहा, यह काफी संवेदनशील मामला है। केंद्र सरकार ने स्कूल के गरीब बच्चों के भविष्य के बारे में कभी नहीं सोचा.. आशंका है कि स्कूली बच्चों को बिना भोजन के स्कूल जाना होगा क्योंकि सब्सिडी वाले सिलेंडरों के मूल्य में काफी वृद्धि हो गई है।’ (एजेंसी)

First Published: Thursday, October 4, 2012, 23:25

comments powered by Disqus