Last Updated: Thursday, March 15, 2012, 06:03
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : दिल्ली में रेल मंत्री त्रिवेदी के इस्तीफे पर मचे घमासान के बीच गुरुवार को वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी की चिट्ठी पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अभी उस चिट्ठी पर विचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री को अभी तक कोई इस्तीफा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि सरकार रेल बजट की जिम्मेदारी लेती है।
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने आज लोकसभा में बताया कि रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने इस्तीफा नहीं दिया है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी की ओर से प्रधानमंत्री को एक संदेश मिला है जिस पर सक्रिय विचार हो रहा है। विपक्ष द्वारा रेल मंत्री को लेकर स्थिति स्पष्ट किए जाने की मांग पर सदन के नेता ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों ने रेल मंत्री के बारे में कुछ बातें उठाई है, मुझे यह कहना है कि रेल मंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया है। इस मामले में जब कोई उपयुक्त कदम उठाया जाएगा, तब सदन को सूचित किया जाएगा।
विपक्ष खासतौर पर भाजपा के सदस्यों को नेताओं जैसा आचरण करने की नसीहत देते हुए प्रणब ने कहा कि विपक्षी सदस्यों को बचकाना व्यवहार नहीं करना चाहिए जिन्होंने छह साल सबसे खराब तरीके से गठबंधन सरकार चलाई। वित्त मंत्री ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री को संबोधित तृणमूल कांग्रेस प्रमुख का केवल एक संदेश प्राप्त हुआ है और सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं किया है।
प्रणब ने कहा कि रेल मंत्री ने इस्तीफा नहीं दिया है। रेल बजट के लिए प्रधानमंत्री की मंजूरी की जरूरी नहीं होती, कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत नहीं होती। इसे वित्त मंत्री की मंजूरी प्राप्त होती है। वित्त मंत्री के रूप में मैं इसकी (रेल बजट) जिम्मेदारी लेता हूं। अब यह संसद की सम्पत्ति है और सदन को इस पर विचार करना है। सुषमा ने सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा था कि रेल बजट की जिम्मेदारी किसकी है।
तृणमूल कांग्रेस के संसदीय पार्टी के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने कभी भी दिनेश त्रिवेदी को इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा। यह एक ऐसा विषय है जिसे तृणमूल नेता और प्रधानमंत्री के बीच सुलझाया जाना चाहिए। पार्टी की नेता और प्रधानमंत्री इस विषय को सुलझाएंगे। तृणमूल नेता ने कहा कि संप्रग-2 पूरी तरह से स्थिर है और अपना कार्यकाल पूरा करेगी। जद (यू) अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि लोकतंत्र में पारदर्शिता और खुलापन जरूरी होता है। साझा सरकार की संस्कृति को कैसे आगे बढ़ाया जाए, यह तय किया जाना चाहिए।
First Published: Thursday, March 15, 2012, 13:01