Last Updated: Monday, July 9, 2012, 13:58
कोलकाता : संप्रग की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस जब भी चाहें, वह उनसे उनकी पार्टी का समर्थन मांगने के लिए बातचीत को तैयार हूं। प्रणब ने यहां संवाददाताओं से कहा कि ममता जब भी चाहें मैं उनसे बातचीत को तैयार हूं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने प्रणब की उम्मीदवारी का विरोध किया था। प्रणब ने कहा कि उनकी उम्मीदवारी का ऐलान संप्रग की ओर से किया गया है, ऐसे में उन्होंने गठबंधन के सभी दलों का समर्थन मिलने की उम्मीद जाहिर की है। प्रचार के लिए कोलकाता पहुंचे प्रणब ने कहा कि मैं समझता हूं कि तृणमूल ने अभी कोई फैसला नहीं किया है और वे उचित समय पर कोई निर्णय करेंगे। उन्होंने कहा कि वह विभिन्न प्रदेशों की राजधानियों का दौरा उन दलों के नेताओं एवं सदस्यों का आभार व्यक्त करने के लिए कर रहे हैं जिन्होंने उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया है। प्रणब ने कहा कि एक को छोड़कर संप्रग के सभी दलों ने उनकी उम्मीदवारी को अपना समर्थन दिया है और सपा, बसपा, राजद, माकपा, फॉरवर्ड ब्लॉक, जद-यू, शिवेसना तथा कुछ अन्य क्षेत्रीय पार्टियों का समर्थन भी उन्हें मिला हुआ है।
उधर, संप्रग की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाले किसी भी व्यक्ति को आधुनिक भारत के संस्थापकों द्वारा स्थापित परंपराओं को बनाए रखना होगा। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉक्टर जाकिर हुसैन और इनके बाद राष्ट्रपति बने लोगों की मिसाल देते हुए प्रणव ने कहा कि इनकी ओर से स्थापित मानकों और परंपराओं के मुताबिक रहना उनका प्रयास रहेगा।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गरीब-समर्थक राजनीति से सीखने का उल्लेख करते हुए प्रणब ने कहा कि यह मेरा सपना रहा है कि मेरे जीते जी गरीबी रूपी भयावह दुख का खात्मा हो जाए। वह माकपा, फारवर्ड ब्लॉक, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) और डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट पार्टी :डीएसपी: के विधायकों को विधान भवन के परिसर में संबोधित कर रहे थे। प्रणब ने कहा कि राष्ट्र के जीवन का मार्ग कभी भी विवादों से निरंतर मुक्त नहीं हो सकता। यह हमारे लिए जरूरी बना देता है कि हम मतभेदों को दरकिनार करें और राष्ट्र की सेवा के लिए एकजुट हो जाएं। प्रणब ने कहा कि उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत अपने गांव से की और उन्हें पिता कामदा किंकर और मां राजलक्ष्मी के जरिए लोक सेवा करने की प्रेरणा मिली। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि देश को उस ओर ले जाया जाना चाहिए जहां जाति, पंथ अथवा धर्म से इतर हर नौजवान नागरिक के पास बराबर का अवसर हो। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 9, 2012, 13:58