Last Updated: Thursday, January 10, 2013, 00:36

नई दिल्ली : रेल बजट पेश होने से करीब डेढ महीने पहले सरकार ने आज अचानक द्वितीय श्रेणी से लेकर वातानुकूलित श्रेणी तक के यात्री किराए में बढ़ोतरी का ऐलान किया और कहा कि सुरक्षा और यात्री सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ऐसा करना बहुत जरूरी था। रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने यहां रेल भवन में भीड़ भरे संवाददाता सम्मेलन में किराये में बढोतरी की घोषणा करते हुए बताया कि यात्री किराये में यह बढोत्तरी 21-22 जनवरी की आधी रात से प्रभावी होगी। उन्होंने कहा कि रेल बजट में यात्री किराये में बढोतरी नहीं की जायेगी लेकिन उन्होंने माल भाडे के बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा। रेल किराये में तकरीबन दस साल बाद इस तरह की बढोत्तरी की गयी है। रेल मंत्री ने बताया कि साधारण द्वितीय श्रेणी (उपनगरीय) यात्री किराये में दो पैसा प्रति किलोमीटर और साधारण द्वितीय श्रेणी (गैर उपनगरीय) ट्रेनों में तीन पैसा प्रति किलोमीटर की वृद्धि की जायेगी।
इसी तरह द्वितीय श्रेणी मेल एक्सप्रेस के किराए में चार पैसा प्रति किलोमीटर की वृद्धि होगी जबकि शयनयान श्रेणी में प्रति किलोमीटर छह पैसा, वातानुकूलित कुर्सीयान में प्रति किलोमीटर 10 पैसा और वातानुकूलित थ्री टायर में 10 पैसा प्रतिकिलोमीटर वृद्धि की जायेगी। उन्होंने बताया कि इस बढोत्तरी से रेलवे को साल भर में तकरीबन 6600 करोड़ रूपये के राजस्व की प्राप्ति होगी और चालू वित्तीय वर्ष के बाकी के करीब ढाई महीने में यह राशि करीब बारह सौ करोड़ रूपये होगी ।
बंसल ने बताया कि प्रथम श्रेणी में तीन पैसा प्रतिकिलोमीटर, वातानुकूलित टू टीयर में छह पैसा प्रति किलोमीटर और वातानुकूलित प्रथम श्रेणी में दस पैसा प्रतिकिलोमीटर की वृद्धि की जायेगी। रेल किराये में बढोत्तरी के आज के इस फैसले में राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी विशेष ट्रेनों को भी शामिल किया गया है जबकि प्लेटफार्म टिकटों को इस वृद्धि से अलग रखा गया है।
बंसल ने यात्री किरायों पर विकास शुल्क वसूलने की प्रथा को भी समाप्त कर दिया और साथ ही भविष्य में अब सब किराये पांच रूपये के गुणक में होंगे यानी एक दो रूपये देने लेने का झंझट खत्म ।
गौरतलब है कि इस साल यानी 2011-12 के रेल बजट में प्रथम श्रेणी में दस पैसा प्रति किलोमीटर, वातानुकूलित टू टीयर में 15 पैसा प्रति किलोमीटर और वातानुकूलित प्रथम श्रेणी में तीस पैसा प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गयी थी जबकि बाकी श्रेणियों में किराये में वृद्धि के प्रस्ताव को वापस ले लिया गया था।
अक्तूबर में रेल मंत्री का पद संभालने वाले पवन बंसल ने यात्री किराये में बढोत्तरी को वाजिब ठहराने का प्रयास करते हुए कहा कि यात्री सेगमेंट में घाटा 2004-05 में 6159 करोड़ रूपये था जो 2010-11 में बढकर 19964 करोड़ रूपये पहुंच गया और और 2012-13 में इसके करीब 25 हजार करोड़ रूपये तक पहुंचने की संभावना है।
बंसल ने कहा कि इन वषरें में ‘इनपुट’ लागत में प्रतिवर्ष दस प्रतिशत की बढोत्तरी हुई है जबकि किराया वहीं का वहीं रहा या निचली श्रेणी में कमी ही की गई । गौरतलब है कि पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने करीब चार हजार करोड़ रूपये जुटाने के उद्देश्य से 2011-12 के रेल बजट में किराये में बढोत्तरी का कड़ा फैसला किया। लेकिन उन्हें इसकी कीमत चुकानी पड़ी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के फैसले पर उन्हें रेल मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
ताजा बढोत्तरी के परिणाम स्वरूप द्वितीय श्रेणी साधारण उपनगरीय ट्रेन का 35 किलोमीटर का किराया आठ रूपये से बढ कर दस रूपये हो जायेगा जबकि गैर उपनगरीय ट्रेन में 135 किलोमीटर तक की औसत दूरी में यह वृद्धि पांच रूपये तक की होगी।
शयनयान श्रेणी में बढोतरी 770 किलोमीटर की दूरी के लिए 270 रूपये से बढकर 320 रूपये होगी। वातानुकूलित कुर्सीयान के मामले में 387 किलोमीटर के लिए बढोतरी 40 रूपये होगी यानी किराया 345 रूपये की बजाय 385 रूपये होगा।
वातानुकूलित थ्री टियर के मामले में 717 किलोमीटर दूरी के लिए किराया 724 रूपये से बढकर 800 रूपये होगा । इस प्रकार इसमें 76 रूपये की बढोतरी होगी । इसी तरह वातानुकूलित टू टियर में 721 किलोमीटर दूरी के लिए किराया 1122 रूपये से 48 रूपये बढकर 1170 रूपये हो जाएगा । एसी प्रथम श्रेणी में 547 किलोमीटर दूरी के लिए किराया 1564 रूपये से बढकर 1620 रूपये यानी 56 रूपये अधिक होगा। सवालों के जवाब में बंसल ने कहा कि अगले महीने पेश होने वाले रेल बजट में यात्री किराये में किसी ताजा बढोतरी का कोई प्रस्ताव नहीं होगा।
यह पूछने पर कि क्या माल भाडे में बढोतरी होगी, बंसल ने कोई सीधा जवाब नहीं देते हुए कहा कि वह इस बारे में इस समय कुछ नहीं कह रहे हैं । उन्होंने कहा कि रेलवे तात्कालिक सुरक्षा एवं यात्री सुविधा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए राजस्व जुटाने का प्रयास कर रही है। बंसल ने कहा कि माल यातायात के लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सकता क्योंकि लदान में दिसंबर अंत तक 1 . 3 करोड टन की कमी दर्ज की गयी है।
यह पूछे जाने पर कि किराये में बढोतरी से क्या आपको राजनीतिक तौर पर नुकसान नहीं होगा, बंसल ने कहा कि कुछ जिम्मेदारियां इन चीजों से उपर होती हैं । सवाल अवरोधमुक्त सेवा देने का है । अगर किराया नहीं बढाते तो रेलवे के साथ साथ लोगों को ही नुकसान होता और ऐसे भी लोग ज्यादा किराया देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अच्छी सेवा मुहैया कराएंगे तो लोग और ज्यादा वोट देंगे। इस सवाल पर कि वातानुकूलित श्रेणियों के किराये में बढोतरी से रेलवे को कितना राजस्व मिलेगा, रेल मंत्री ने कहा कि यह राशि तकरीबन 1000 करोड रूपये सालाना होगी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 9, 2013, 15:24