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महंगाई की मार, बार- बार

नई दिल्ली. आम आदमी महंगाई से कितना त्रस्त है यह सरकार तो नहीं जान रही मगर बार- बार जरूरत की चीजों के दाम बढ़ाकर सरकार जनता की जेब ढीली जरूर कर रही है. शुक्रवार को एकबार फिर पेट्रोल के दामों में तीन रुपये से ज्यादा की बढ़ोत्तरी कर दी गई. 15 मई को ही इसमें 5 रुपये का इजाफा किया गया था.

सिर्फ पेट्रोल की कीमत बढ़ी होती तो समझा जा सकता था मगर आम आदमी की जरूरत की चीज जैसे सब्जी और दूध को भी नहीं बख्शा गया है. सब्जी पिछले एक साल में 40 फीसदी तक महंगी हो गई. खुदरा बाजार में सब्जी की कीमत बार- बार बढ़ती रही है. हालांकि डीजल के दामों और लागत में बढ़ोतरी के कारण सब्जियों के दाम में उतार- चढ़ाव देखने को मिलता है. लेकिन सरकार इस पर थोड़ी भी गंभीर नहीं दिख रही. आम आदमी के उपयोग की चीजें महंगी होती जा रही रही है और सरकार के पास इससे निजात दिलाने के लिए कोई उपाय या कार्य योजना नहीं  है. बार- बार अन्य देशों और अंतर्राष्ट्रीय बाजार का हवाला दे कर आम आदमी को ठगा जाता है.

 

वहीं दूध की कीमतों में भी जोरदार उछाल आया है. 2010 के बाद से दूध की कीमत 50 फीसदी तक महंगी हो गई. दिल्ली के दूध बाजार में मदर डेयरी लगभग 60 प्रतिशत दूध की आपूर्ती करती है और जब कभी भी सरकार ने इसके दामों में इजाफा किया है दूसरी विक्रेता कंपनियां भी लोगों पर अतिरिक्त बोझ डालती रही हैं. पिछले सप्ताह मदर डेयरी ने दूध 2 रुपये महंगा कर दिया था.

सिर्फ डीजल को बाजार के हवाले नहीं किया गया है क्योंकि इसे किसानों के हित से जोड़कर देखा जाता है मगर देश के किसान डीजल के कुल खपत का मात्र 13 फीसदी हीं इस्तेमाल करते हैं. बांकी सब रेलवे, कारखाने और यातायात में खपत होता है.

कुल मिलाकर पेट्रोल की कीमतों में जून 2010 के बाद से 10 बार से भी ज्यादा बार बढ़ाया गया है. उस समय इसकी कीमत 48 रुपये थी क्योंकि सरकार उस वक्त इसे तेल कंपनियों के नियंत्रण में नहीं दिया था. इसी तरह अन्य जरूरत की चीजें भी महंगी होती गई हैं.

First Published: Friday, September 16, 2011, 11:09

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