Last Updated: Monday, January 21, 2013, 15:50

इलाहाबाद : यहां चल रहे महाकुंभ में साधु-संतों के बीच मतभेद फिर से उभरकर सामने आए हैं, जहां एक अखाड़े ने चेतावनी दी है कि अगर उनके एक प्रमुख संत को आगामी शाही स्नान में शामिल नहीं होने दिया गया तो वह इस पर्व का बहिष्कार करेगा।
वैष्णव पंथ से जुड़े निर्मोही अखाड़ा ने बयान जारी कर मांग की है कि पश्चिम बंगाल के गंगासागर गए महंत ज्ञानदास को 10 फरवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर और 15 फरवरी को वसंत पंचमी के दिन शाही स्नानों में शामिल होने दिया जाए अन्यथा अखाड़े के संत इन पर्वों का बहिष्कार करेंगे।
शाही स्नानों के दौरान अखाड़ों की मौजूदगी को काफी अहमियत दी जाती है और किसी भी संत को इसमें शामिल नहीं होने देने पर महाकुंभ के आयोजन से जुड़े प्रशासनिक तंत्र के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में मतभेदों के चलते विवाद बढ़ गया है।
सात शैव अखाड़ों के समर्थन वाले समूह ने महंत बलदेव सिंह को जहां परिषद का प्रमुख घोषित किया है, वहीं तीन वैष्णव अखाड़ों ने ज्ञानदास में अपनी आस्था जताई है जो विभाजन से पहले परिषद के प्रमुख रहे हैं। हालांकि ज्ञानदास को मकर संक्रांति के पहले शाही स्नान में आमंत्रित नहीं किये जाने को लेकर नाराजगी के बावजूद दिगंबर, निर्वाणी और निर्मोही अखाड़ों ने इसमें भाग लिया था। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 21, 2013, 15:48