Last Updated: Monday, July 2, 2012, 16:51
नई दिल्ली : महिलाओं पर तेजाब फेंकने की घटनाओं से चिंतित उच्चतम न्यायालय ने तेजाब की बिक्री नियंत्रित करने के सवाल पर अब तक किये गए उपायों पर केन्द्र सरकार से विस्तृत हलफनामा मांगा है।
न्यायमूर्ति आरएल लोढा और न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे की खंडपीठ ने तेजाब हमले में जख्मी नाबालिग बच्ची लक्ष्मी की जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान गृह मंत्रालय से कहा कि तेजाब की बिक्री नियंत्रित करने के बारे में विस्तृत हलफनामा दाखिल करे। खुले बाजार में सहजता से तेजाब उपलब्ध होने के तथ्य के मद्देनजर न्यायालय ने गत 29 अप्रैल को गृह मंत्रालय से कहा था कि वह राज्य सरकारों से परामर्श करके इसकी बिक्री नियंत्रित करने के लिए उचित योजना तैयार करे।
न्यायालय ने इस मामले में महिलाओं पर तेजाब के हमले की बढ़ती घटनाओं की रोकथाम के इरादे से तेजाब की बिक्री नियंत्रित करने के बारे में पिछले साल 11 फरवरी को जारी नोटिस पर सभी राज्य सरकारों और केन्द्र शसित प्रदेशों से कहा है कि वे इस मामले में अपने जवाब दाखिल करें।
न्यायालय केन्द्र और राज्य सरकारों से यह भी जानना चाहता है कि क्या तेजाब के हमले से पीड़ित के उपचार और उसके पुनर्वास के लिए समुचित मुआवजे का प्रावधान करने वाली कोई योजना तैयार की जा सकती है? इस मामले में नाबालिग लक्ष्मी तेजाब के हमले मे बुरी तरह झुलस गयी थी। लक्ष्मी की स्थिति को देखते हुए उसकी ओर से वकील अपर्णा भट्ट ने यह जनहित याचिका दायर की थी। इस याचिका में तेजाब के हमले की घटनाओं से निबटने के लिए नया कानून बनाने या भारतीय दंड संहिता और भारतीय साक्ष्य कानून में उचित संशोधन करने का आग्रहया है। याचिका में तेजाब के हमले से पीड़ित व्यक्ति के लिए उचित मुआवजे का प्रावधान करने की भी मांग की गयी है। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 2, 2012, 16:51