Last Updated: Friday, February 3, 2012, 11:09
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि माओवादी हिंसा, सीमा पार से आतंकवाद, धार्मिक कट्टरपंथ और जातिवादी हिंसा आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर प्रमुख चुनौतियां हैं और उनसे सुदृढ़ एवं कारगर रूप से निबटने की जरूरत है।
मुख्य सचिवों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों को इस दिशा में किए जाने वाले प्रयासों में हर संभव सहायता देना जारी रखेगी। सिंह ने कहा, ‘गंभीर चुनौतियां और खतरे, प्रमुख रूप से वामपंथी उग्रवाद, सीमा पार से आतंकवाद, धार्मिक कट्टरवादिता और जातिवादी हिंसा अब भी मौजूद हैं। इनसे सुदृढ़ और कारगर रूप से निबटने की जरूरत है।’
भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पर हो रहे हमलों के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्वीकार किया है कि सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता, शुचिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए अभी भी काफी लंबा रास्ता तय करना है। प्रधानमंत्री ने यह विश्वास जताया कि मजबूत लोकपाल कानून जल्द ही लागू होगा। सिंह ने पिछले साल ऐसे ही सम्मेलन में कही गई अपनी बात याद दिलाते हुए कहा कि उनकी सरकार सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार रोकने के लिए सभी कानूनी एवं प्रशासनिक उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘मैंने यह भी कहा था कि हमें अपनी सार्वजनिक सेवा आपूर्ति प्रणाली को सुधारने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का पूरा इस्तेमाल करना चाहिए। एक साल में हम इस दिशा में काफी आगे बढ़े हैं।’
सिंह ने कहा, ‘परंतु, हमें सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता, जवाबदेही और शुचिता सुनिश्चित करने के क्रम में अभी लंबा सफर तय करना है। इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करने की जरूरत है।’ प्रधानमंत्री का यह बयान उस वक्त आया है, जब भ्रष्टाचार को लेकर सरकार पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। कल सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भी सरकार को शर्मिंदा होना पड़ा। कोर्ट ने 2008 के बाद से आवंटित सभी 122 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंसों के आवंटन को अवैध बताते हुए रद्द कर दिया।
(एजेंसी)
First Published: Friday, February 3, 2012, 18:16