माओवादियों का भारत बंद का आह्वान - Zee News हिंदी

माओवादियों का भारत बंद का आह्वान



करीमनगर (आंध्र प्रदेश) : पश्चिम बंगाल में गुरूवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए माओवादी नेता मालोजुला कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी का रविवार को यहां से 35 किलोमीटर दूर उनके पैतृक गांव पेड्डापल्ली में अंतिम संस्कार कर दिया गया। किशनजी के बड़े भाई अंजानेयुलू ने मुखाग्नि दी।

 

इस बीच प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) पार्टी ने आरोप लगाया कि किशनजी की हत्या कर दी गई। उन्होंने मुठभेड़ को फर्जी करार दिया और विरोध में 4-5 दिसंबर को दो दिन के भारत बंद का आह्वान किया।
माओवादी केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय ने आरोप लगाया कि किशनजी को फर्जी मुठभेड़ में मारा गया। उन्होंने एक पत्र जारी किया जिसे कवि और माओवादी समर्थक वरवर राव ने पेड्डापल्ली में पढ़ा। किशनजी 24 नवंबर को पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले के बुड़िशोल जंगल में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे।

 

अंतिम संस्कार में कई ग्रामीण, नेता शामिल हुए। इनमें सिविल लिबर्टीज कमेटी के वरवर राव, कल्याण राव, तेलंगाना राष्ट्र समिति के विधायक एतेला राजेंद्र, कोप्पुला ईश्वर, विधान परिषद सदस्य एन लक्ष्मण राव आदि थे। किशनजी के शव को रविवार को तड़के कोलकाता से पेड्डापल्ली लाया गया और उनके आवास पर रखा गया। स्थानीय पुलिस ने उनके परिजनों को शव को जनता के दर्शन के लिए जूनियर कॉलेज मैदान में रखने की अनुमति नहीं दी थी।

 

नक्सलियों से सहानुभूति रखने वाले गायक गदर ने सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए माओवादी नेता मालोजुला कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी को श्रद्धांजलि के रूप में पृथक तेलंगाना राज्य के लिए आंदोलन तेज करने की मांग की है। किशनजी की 24 नवंबर को पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मौत हो गई थी। किशनजी का अंतिम संस्कार आंध्रप्रदेश के करीमनगर जिले में वेडापल्ली में हुआ।

 

पेडापल्ली में संवाददाताओं से बातचीत में गदर ने कहा कि तेलंगाना के नेताओं को किशनजी के पांव छूने चाहिए थे क्योंकि उन्होंने पृथक तेलंगाना को समर्थन दिया था। उन्होंने कहा कि किशनजी की इच्छा को पूरा करने के लिए पृथक तेलंगाना राज्य के लिए आंदोलन तेज किया जाना चाहिए।

First Published: Sunday, November 27, 2011, 21:41

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