Last Updated: Wednesday, January 11, 2012, 08:47
नई दिल्ली : मोबाइल टावर से किशनजी के ठिकाने की जानकारी और बाद में उसके मारे जाने से चौकन्ने माओवादियों ने फिलहाल मोबाइल और ई-मेल जैसे संचार साधनों का इस्तेमाल बंद कर दिया है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक सूचना के प्राचीन पारंपरिक तरीके को अपनाया है ताकि सुरक्षाबलों को उनका कोई सुराग न लग सके।
सूत्रों ने बताया कि खुफिया एजेंसियों द्वारा फोन पर की गई बातचीत टैप किए जाने और ठिकाने का सुराग लगने की आशंका के मद्देनजर माओवादी मोबाइल फोन और ई-मेल जैसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। वे अपने भरोसेमंद मध्यस्थों के माध्यम से आपस में संवाद कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि भाकपा-माओवादी के शीर्ष नेता कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी के बारे में भी मोबाइल संचार प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर ही जानकारी हासिल हो सकी और बाद में वह मुठभेड़ में मारा गया। सूत्रों ने कहा कि नक्सलियों की इस नई रणनीति से सुरक्षाबलों को उनका सुराग हासिल करने में मुश्किलें आ सकती हैं। कहा जा रहा है कि अब माओवादियों द्वारा एक रणनीति के तहत मोबाइल टावर प्रमुखता से उड़ाने की आशंका है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 11, 2012, 14:17