Last Updated: Friday, January 6, 2012, 11:22
नई दिल्ली : माओवादी नेता किशनजी को मार गिराने में सुरक्षाबलों को मोबाइल प्रौद्योगिकी से काफी मदद मिली। इसके बाद अब माओवादियों के निशाने पर मोबाइल टावर प्रमुखता से होने की आशंका है जबकि सरकार ने नक्सल प्रभावित राज्यों में नए मोबाइल टावर स्थापित करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
पिछले डेढ़ साल के दौरान माओवादियों ने देश भर में 200 से अधिक मोबाइल टावर विस्फोट से उड़ा दिए क्योंकि नक्सलियों का पता लगाने के लिए मोबाइल टावर सिग्नलों से सुरक्षाबलों को काफी मदद मिलती है। हालांकि स्कूल भवनों, रेलवे स्टेशनों, रेल पटरियों के साथ-साथ मोबाइल टावर भी नक्सलियों ने विस्फोट से उड़ाए हैं।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि भाकपा-माओवादी के शीर्ष नेता कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी के बारे में भी मोबाइल संचार प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से ही जानकारी हासिल हो सकी और बाद में वह मुठभेड़ में मारा गया।
उन्होंने बताया कि किशनजी के मारे जाने के बाद ही सरकार ने नक्सल प्रभावित राज्यों में 500 से अधिक मोबाइल टावर लगाने की प्रक्रिया शुरू की, ताकि नक्सलियों के ठिकानों और उनकी मौजूदगी के अड्डों का पता लगाने में मदद मिले।
सूत्रों ने बताया कि नक्सलियों ने छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार में मोबाइल टावरों को निशाना बनाया। नक्सलियों द्वारा मोबाइल फोन धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जाता है। फोन चालू रहने की स्थिति में उनकी मौजूदगी के स्थान का पता लगाना सुरक्षाबलों के लिए आसान हो जाता है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, January 6, 2012, 16:52