माकन के बाद अब जोशी का इस्तीफा, मंत्रिमंडल में फेरबदल कल

माकन के बाद अब जोशी का इस्तीफा, मंत्रिमंडल में फेरबदल कल

माकन के बाद अब जोशी का इस्तीफा, मंत्रिमंडल में फेरबदल कल ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : यूपीए-2 सरकार में एक बार फिर फेरबदल होने वाला है। फेरबदल से पहले केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफे का दौर शुरू हो गया है। केंद्रीय रेलमंत्री सी पी जोशी ने आज मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले कल (शनिवार को) केंद्रीय आवास मंत्री अजय माकन ने इस्तीफा दे दिया था। खबर है कि राष्ट्रपति ने दोनों मंत्रियों के इस्तीफे स्वीकार कर लिए हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल का बहुप्रतिक्षित फेरबदल कल किया जाएगा।

दोनों ही मंत्रियों ने कल रात अपना इस्तीफा सौंपा। राष्ट्रपति भवन से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज तत्काल प्रभाव से इन मंत्रियों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। राष्ट्रपति भवन के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह फेरबदल कल शाम होगा।

जोशी के नजदीकी सूत्रों ने बताया कि भूतल परिवहन एवं राजमार्ग और रेलवे दोनों मंत्रालय संभाल रहे जोशी ने कांग्रेस आला कमान के ‘निर्देश’ पर इस्तीफा दिया है। जोशी ने ट्विटर पर लिखा, पार्टी मुझे जो भी नयी भूमिका सौंपेगी मैं उसे अपनी पूरी क्षमता से निभाउंगा। उधर आवास और शहीर गरीबी उन्मूलन मंत्री रहे माकन ने पार्टी के लिये काम करने की इच्छा जताई थी। उनका इस्तीफा ऐसे समय पर हो रहा है जब दिल्ली में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि मंत्रिपरिषद में यह फेरबदल यूपीए दो का अंतिम फेरबदल होगा क्योंकि एक साल बाद लोकसभा चुनाव होने हैं। पिछले साल अक्तूबर महीने से यह दूसरी बार है जब मंत्रिपरिषद में बदलाव किया जा रहा है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस अवसर का उपयोग अपने मंत्रिमंडल के रिक्त पड़े पदों को भरने के लिये करेंगे।

सिंह ने इससे पहले कहा था कि कुछ पद खाली हैं और उन्हें भरने के मुद्दे पर विचार किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्रियों पी के बंसल और अश्विनी कुमार के मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे देने से कुछ और पद रिक्त हो गये हैं। बंसल ने रेलवे रिश्वत कांड के बाद रेलमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था जिसमें उनका भांजा और रेलवे बोर्ड का एक सदस्य आरोपी है । रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार जोशी को दिया गया था जबकि कानून मंत्रालय का प्रभार दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को दिया गया था।

सूत्रों ने बताया कि फेरबदल में दो मंत्रालयों का पदभार संभाल रहे मंत्रियों को एक मंत्रालय दिया जा सकता है। द्रमुक और तृणमूल कांग्रेस ने संप्रग सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और इनके नेताओ द्वारा खाली किये गये पदों को अभी भी भरा जाना है।

उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 20 मार्च को द्रमुक के पांच मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद से कोई नया मंत्री मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया गया है। इन मंत्रियों में वित्त, वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा सामाजिक न्याय मंत्री शामिल थे। पार्टी से एकमात्र कैबिनेट मंत्री एम के अलागिरी थे जिनके पास रसायन और उर्वरक विभाग था।
इससे पहले द्रमुक के दो कैबिनेट मंत्रियों दयानिधि मारन और ए राजा ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। तृणमूल कांग्रेस ने पिछले साल सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था।

सूत्रों ने बताया कि कुछ मंत्रियों को अगले लोकसभा चुनाव को देखते हुये संगठन का कार्य सौंपा जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्री और तमिलनाडु के प्रभारी गुलाम नबी आजाद को नयी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस बात के संकेत हैं कि एआईसीसी के महासचिव और मीडिया विभाग के प्रभारी जनार्दन द्विवेदी को मीडिया का प्रभार दिया जा सकता है।

जिन पार्टी नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं उनमें अंबिका सोनी और दिग्विजय सिंह शामिल हैं। कुछ राज्यों के प्रभारियों में भी फेरबदल किया जा सकता है। एआईसीसी का फेरबदल आज रात भी हो सकता है।

केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को भी पार्टी के काम में लगाया जा सकता है लेकिन जमीन अधिग्रहण विधेयक के लंबित होने की वजह से इस बात पर प्रश्न चिन्ह बना हुआ है कि क्या वह मंत्रालय छोड़ेगे या बाद में उन्हें ऐसा करने के लिये कहा जायेगा। पिछले महीने आठ प्रवक्ताओं की नियुक्ति के बाद यह बात स्पष्ट हो गयी थी कि एआईसीसी में बदलाव होने वाला है।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि कई युवा कांग्रेसी सांसदों और युवक कांग्रेस के पदाधिकारियों को प्रमुख जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं। इन पदाधिकारियों को राहुल गांधी ने नियुक्त किया है।

सूत्रों ने बताया कि बिहार और पंजाब के प्रभारी महासचिवों क्रमश: गुलचैन सिंह चरक और धानी राम शांडिल को स्थानांतरित किया जा सकता है। शांडिल अब हिमाचल प्रदेश सरकार में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री हैं। पश्चिम बंगाल और झारखंड के एआईसीसी प्रभारी शकील अहमद और मोहन को पहले ही पार्टी का प्रवक्ता बना दिया गया है।

First Published: Sunday, June 16, 2013, 13:06

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