Last Updated: Wednesday, April 10, 2013, 17:40

कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने इसरो के पूर्व प्रमुख डा. जी माधवन नायर की याचिका पर केन्द्र को नोटिस जारी किया। इसमें केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायधिकरण के उस फैसले को चुनौती दी गयी है जिसमें प्रख्यात वैज्ञानिक की याचिका को विचार करने के उपुयक्त नहीं माना गया था।
न्यायमूर्ति टी बी राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति बी कमाल पाशा की खंडपीठ ने याचिका विचारार्थ स्वीकार करते हुये केन्द्र को नोटिस जारी किया।
कैट ने पिछले माह नायर की याचिका को विचार योग्य नहीं मानते हुए उसे खारिज कर दिया था। इस याचिका में नायर ने केन्द्र के उस निर्णय को खारिज करने का अनुरोध किया था जिसमें विवादास्पद एंट्रिक्स देवास करार में उनकी कथित भूमिका होने के कारण उनके किसी सरकारी पद पर रहने पर रोक लगा दी गयी थी।
नायर की याचिका खारिज करते हुए कैट की खंडपीठ ने कहा था कि उठाया गया विवाद प्रशासनिक न्यायाधिकरण कानून के प्रावधानों के तहत नहीं आता है।
अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने बेंगलूर के अंतरिक्ष विभाग के निदेशक के 13 जनवरी 2012 के आदेश के खिलाफ पिछले साल कैट का द्वार खटखटाया था। इस आदेश के तहत सरकार एवं सरकारी निकायों में फिर से रोजगार पाने, समिति में कोई भूमिका पाने या कोई अन्य भूमिका हासिल करने के अधिकार से उन्हें वंचित कर दिया गया था। साथ ही उनसे वे सब काम भी तुरंत प्रभाव से ले लिये गये थे जो मौजूदा रूप से सरकार और संगठनों के लिए कर रहे थे या जिनमे परामर्श दे रहे थे।
अंतरिक्ष विभाग के अवर सचिव ने उसी दिन जारी एक सरकारी आदेश में अंतरिक्ष विभाग: अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में डा विक्रम साराभाई विशिष्ट प्राध्यापक पर नायर की नियुक्ति को समाप्त कर दिया गया। नायर ने एंट्रिक्स और देवास मल्टी मीडिया प्राइवेट लि. के बीच हुए करार के तथ्यों एवं परिस्थितियों की जांच के लिए गठित उच्च स्तरीय दल की दो सितंबर 2011 को दी गयी रिपोर्ट भी खारिज करने का अनुरोध किया था।
कैट ने उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं करते हुए इस साल आठ मार्च को कहा था कि नायर कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं हंै। यह केन्द्र के मामलों के सिलसिले में प्रशासनिक पद के लिए सेवानिवृत्ति के बाद फिर से रोजगार नहीं है। उसने व्यवस्था दी कि संविधान के अनुच्छेद 311 के तहत कोई संरक्षण प्राप्त नहीं है। नायर के अनुसार कैट के निष्कर्ष ‘‘गैर कानूनी’’ हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 10, 2013, 17:40