Last Updated: Monday, May 14, 2012, 13:31
नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल तेजिन्दर सिंह द्वारा दायर एक आपराधिक मानहानि शिकायत पर सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह और चार अन्य को तलब करने पर अपना आदेश 18 मई तक सुरक्षित रखा। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जय थरेजा ने तेजिन्दर सिंह की तरफ से जिरह के बाद मामले पर फैसला 18 मई को सुनाने का ऐलान किया। तेजिन्दर सिंह ने उनके खिलाफ आरोपों के जवाब में सेना प्रमुख और चार अन्य को अदालत में तलब किए जाने की मांग की है।
तेजिन्दर सिंह के वकील अनिल अग्रवाल ने कहा कि आप उन्हें नोटिस जारी कर सकते हैं और वह आकर आपके सामने अपना पक्ष स्पष्ट कर सकते हैं। सेना प्रमुख के अलावा तेजिन्दर सिंह ने सेना उपाध्यक्ष एस के सिंह, लेफ्टिनेंट जनरल बीएस ठाकुर (डीजी एमआई) मेजर जनरल एसएल नरसिंहमन (सार्वजनिक सूचना अतिरिक्त महा निदेशक) और लेफ्टिनेंट कर्नल हितेन साहनी पर उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए अपने सरकारी पद, शक्ति और अधिकार का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। अग्रवाल ने इससे पहले की एक सुनवाई के दौरान कहा था कि सेना प्रमुख ने 10 अप्रैल को सीबीआई से शिकायत की थी कि उन्हें एक रक्षा सौदा करवाने के बदले में 14 करोड़ रूपए की घूस देने की पेशकश की गई जबकि इस मामले पर सेना द्वारा प्रेस विज्ञप्ति पांच मार्च को जारी की गई थी।
सेना कानून का हवाला देते हुए वकील ने कहा कि सेना में अपने कार्यकाल के दौरान कोई भी व्यक्ति सीधे मीडिया से संपर्क नहीं कर सकता और अगर उसे मीडिया तक कोई सूचना पहुंचानी होती है तो वह रक्षा मंत्रालय के जरिए पहुंचाता है। रक्षा गुप्तचर एजेंसी के पूर्व महानिदेशक तेजिन्दर सिंह ने सेना प्रमुख और सेना के चार अन्य अधिकारियों के खिलाफ मानहानि का मामला दाखिल किया है। उन्होंने इस आरोप से इंकार किया है कि 600 घटिया वाहनों के सौदे को मंजूरी दिलाने के लिए उन्होंने घूस की पेशकश की थी।
(एजेंसी)
First Published: Monday, May 14, 2012, 19:01