Last Updated: Friday, May 17, 2013, 09:15
ज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसी
नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने ‘हिंदू आतंकवाद’ संबंधी कथित टिप्पणी के लिए गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में उन्हें तलब करने के संबंध में अपना आदेश शुक्रवार को सुनाएगी। अदालत ने गुरुवार को अपना आदेश सुनाने का फैसला आज तक के लिए टाल दिया था।
मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अमिताभ रावत ने कहा कि उन्होंने पूरा आदेश तैयार नहीं किया है। उन्हें याचिका पर गुरुवार को फैसला सुनाना था। उन्होंने इसे अब कल के लिए सूचीबद्ध किया है। मजिस्ट्रेट ने कहा कि मैंने पूरा आदेश तैयार नहीं किया है। इसलिए शुक्रवार को आइए। मैं शुक्रवार को अपराह्न दो बजे आदेश दूंगा।
अदालत ने याचिकाकर्ता वीपी कुमार का साक्ष्य पहले ही दर्ज कर लिया है। उसने उसके वकील मोनिका अरोड़ा की बात सुनी। उन्होंने आरोप लगाया था कि गृह मंत्री ने जानबूझकर ‘अपमानजनक’ टिप्पणी की ताकि ‘समुदायों के बीच नफरत पैदा किया जा सके।’ कुमार ने अपनी याचिका में कहा कि शिंदे की टिप्पणी का लक्ष्य साल 2014 के आम चुनावों में ‘अल्पसंख्यक मतों का ध्रुवीकरण’ है।
याचिका में कहा गया था कि जिस बयान को चुनौती दी गई है स्वाभाविक अथरें में वह न सिर्फ मानहानिकारक है बल्कि उसमें यह इशारा भी है कि हिंदू धर्म राष्ट्र विरोधी और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है। उन्होंने कहा कि मंत्री ने भगवा शब्द का इस्तेमाल आतंकवाद के पर्याय के तौर पर किया है जो बिल्कुल बेतुका, गलत, शरारतपूर्ण और मानहानिकारक है। याचिका के अनुसार शिंदे ने इस साल की शुरूआत में जयपुर में कांग्रेस की बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि हमें एक जांच रिपोर्ट मिली है कि चाहे वह आरएसएस हो या भाजपा, उनके प्रशिक्षण शिविर हिंदू आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। हम इस पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं।
First Published: Friday, May 17, 2013, 09:15