मार्गदर्शक बनने बनाने से हिचकती हैं महिलाएं

मार्गदर्शक बनने बनाने से हिचकती हैं महिलाएं

मार्गदर्शक बनने बनाने से हिचकती हैं महिलाएं मुंबई : पुरुष सहकर्मियों के मुकाबले महिलाएं किसी को अपना मार्गदर्शक बनाने या खुद को मार्गदर्शक या विश्वसनीय सलाहकार की भूमिका में रखने से हिचकिचाती हैं। डेवलपमेंट डायमेन्शंस इंटरनेशनल (डीडीआई) द्वारा कराए गए एक अध्ययन में कहा गया है, महिलाओं की सफलता के लिए मार्गदर्शन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्हें अपने कार्यस्थल पर सामाजिक पूंजी (दायरा) बनाने में अक्सर मुश्किलें आती हैं। यह स्थिति उन जगहों पर अधिक है जहां महिला कर्मचारियों की संख्या कम होती है। सर्वेक्षण के मुताबिक, कार्यस्थल पर महिलाएं अब भी अपने लिए किसी को मार्गदर्शक या संरक्षक बनाने के मूड में नहीं होती है जबकि वरिष्ठ पदों पर कार्यरत करीब 78 प्रतिशत महिलाओं ने कभी न कभी औपचारिक रूप से परामर्शदाता के तौर पर काम किया है। सर्वेक्षण में पाया गया कि 63 प्रतिशत महिलाओं ने कभी भी औपचारिक तौर पर किसी को मार्गदर्शक नहीं बनाया। (एजेंसी)

First Published: Sunday, June 23, 2013, 19:20

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