Last Updated: Friday, February 15, 2013, 22:55
नई दिल्ली : भारत ने शुक्रवार को मालदीव के इस आरोप को खारिज कर दिया कि वह उसके लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर कर रहा है और जोर देकर कहा कि उसकी मालदीव के अंदरूनी मामलात में दखल देने की कोई मंशा नहीं है भले ही उसके पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद एक विवाद के चलते पिछले तीन दिन से माले में भारतीय मिशन में रुके हुए हैं।
मालदीव द्वारा भारत पर उसके लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर करने का आरोप लगाने के एक दिन बाद भारत ने स्पष्ट किया कि उसकी मालदीव के अंदरूनी हालात में दखल देने की कोई मंशा नहीं है। मालदीव ने गुरुवार को कहा था कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि नई दिल्ली ने द्विपक्षीय वार्ता करने की बजाय नशीद की गिरफ्तारी के बारे में सार्वजनिक टिप्पणी करने का फैसला किया।
बुधवार को माले में मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति के भारतीय उच्चायोग में घुस आने के बाद बदले हालात को स्पष्ट करते हुए सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली को मौजूदा हालात में ‘घसीटा’ गया है।
भारत ने मालदीव से स्पष्ट किया है कि उसका यह बयान जिसमें उसने पंजीकृत राजनीतिक दलों के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के चुनाव में भाग लेने के लिए स्वतंत्र होने के महत्व की बात कही थी ‘सहज रूप से एक राजनीतिक बयान’ था और इसका मालदीव के निर्वाचन आयोग अथवा न्यायपालिका को नीचा दिखाने का कोई इरादा नहीं था।
45 वर्षीय नशीद पिछले बुधवार से भारतीय मिशन में शरण लिए हुए हैं। घटनाक्रम की जानकारी देते हुए सूत्रों ने कहा कि जब नशीद भारतीय उच्चायोग में घुसे उस समय उच्चायुक्त डी एम मलय परिसर में मौजूद नहीं थे। जब वहां मौजूद युवा अधिकारियों ने नशीद से कहा कि मलय मौजूद नहीं हैं तो नशीद ने कहा कि वह उनका इंतजार करेंगे। (एजेंसी)
First Published: Friday, February 15, 2013, 22:55