Last Updated: Thursday, July 18, 2013, 21:33
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने अपनी प्रमुख योजना मिड-डे मील को लागू करने और खाद्य पदार्थों की अच्छी गुणवत्ता एवं साफ-सफाई पर निगरानी के लिए एक समिति के गठन का निर्णय किया है। योजना को चलाने वाले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आज दावा किया कि योजना को लागू करने में खामियां पाई जाने के बाद उसने बिहार के 12 जिलों को सतर्क किया था।
मानव संसाधन विकास मंत्री एम.एम. पल्लम राजू ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘जो हुआ है वह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हम 23 बच्चों की मौत से दुखी हैं। अब इस बात पर ध्यान केंद्रित करना होगा कि ऐसी घटना फिर नहीं हो।’ समझा जाता है कि समिति वर्तमान में मिड-डे मील की निगरानी के लिए बनी समिति के पूरक के तौर पर काम करेगी जिसकी बैठक दो वर्ष में एक बार होती है और उन राज्यों को चेतावनी देती है जहां कोई खामियां पाई जाती हैं।
उन्होंने कहा, ‘हमने एक अन्य समिति के गठन का निर्णय किया है जो कार्यक्रम को लागू करने की गुणवत्ता, आपूर्ति किए जाने वाले खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता, आपूर्ति श्रृंखला के प्रभाव और जिस जगह पर खाना पकाया जाता है उसकी साफ-सफाई पर गौर करेगी।’
अधिकारियों ने कहा कि समिति की अध्यक्षता मानव संसाधन विकास मंत्री कर सकते हैं और सरकार एवं समाज के करीब 20 सदस्य इसमें शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘उम्मीद है कि समिति जो कुछ भी हो रहा है उसे लेकर वास्तव में गंभीर होगी।’ उन्होंने कहा कि इसकी बैठक प्रत्येक तीन महीने में होगी।
यह पूछने पर कि क्या इस वर्ष की शुरूआत में वर्तमान समिति ने बिहार को कोई चेतावनी जारी की थी तो राजू ने सकारात्मक जवाब दिया। उन्होंने एक समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘हां, संभवत: ऐसा हुआ। 12 जिलों की पहचान हुई और उन्हें चेतावनी दी गई और सारण (घटना से प्रभावित) उनमें से एक है।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 18, 2013, 21:33