Last Updated: Friday, July 26, 2013, 15:59
नई दिल्ली : नोबेल पुरस्कार से सम्मानित विख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन से भारत रत्न वापस लेने संबंधी अपनी टिप्पणी से उठे विवाद के बाद भाजपा सांसद चंदन मित्रा ने अपनी बात पर खेद प्रकट करते हुए कहा कि वह कुछ ज्यादा कह गए थे।
मित्रा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि मुझे लगता है मैं शायद कुछ ज्यादा बोल गया। डाक्टर सेन से भारत रत्न वापस लेने वाली बात पर मैं खेद जताता हूं, मैं कुछ ज्यादा कह गया। भाजपा पहले ही मित्रा की बात से अपने को अलग कर चुकी है। पार्टी के रूख के बारे में उन्होंने कहा कि इस मामले में ट्वीट पर कही गई उनकी बातें, उनके व्यक्गित विचार हैं, पार्टी के नहीं।
मित्रा ने हालांकि अमर्त्य सेन की अर्थशास्त्र संबंधी धारणाओं की आलोचना करते हुए कहा कि वे पुराने पड़ चुके विचार हैं जिसे खारिज किए जाने की जरूरत है। भाजपा नेता ने उन्हें राजनीति में नहीं पड़ने की सलाह देते हुए कहा, ‘‘डा. अमर्त्य सेन को भारत रत्न की तरह आचरण करना चाहिए। डा. सेन ने कहा था कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री नहीं होना चाहिए। उनकी इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया स्वरूप मित्रा ने उनकी आलोचना करते हुए उनसे भारत रत्न वापस लेने की बात कही थी।
दिलचस्प बात यह है कि सेन को भाजपा के नेतृत्व वाले राजग शासन के दौरान ही भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
मित्रा की बात से पार्टी को अलग करते हुए वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने कल कहा कि यह मित्रा के व्यक्गित विचार हैं, पार्टी के नहीं। पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने भी कहा कि भाजपा मित्रा की बात से सहमत नहीं है। सदस्यों द्वारा व्यक्त किए गए विचारों को उनके व्यक्तिगत विचार मानना चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Friday, July 26, 2013, 15:59