Last Updated: Sunday, October 30, 2011, 11:11
नई दिल्ली : हरियाणा के हिसार जिले के मिर्चपुर गांव में पिछले साल एक 70 वर्षीय दलित और उसकी विकलांग पुत्री को जिंदा जलाए जाने के मामले में दोषी करार दिए गए 15 लोगों के खिलाफ एक स्थानीय अदालत सोमवार को सजा सुना सकती है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने सजा के संबंध में अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कहा, सजा संबंधी आदेश देने के लिए इस मामले को 31 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया जाए। न्यायाधीश ने 15 में से सात दोषियों के बारे में हिसार के परिवीक्षा अधिकारी की रिपोर्ट भी मांगी थी। इन सात दोषियों ने पहली बार कोई अपराध किया है।
बचाव पक्ष ने कहा था कि इन दोषियों को पहली बार अपराध करने से संबंधित कानून (प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट) के तहत लाभ मिलना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून की धाराएं नहीं लगाई गई हैं।
इससे पहले, अदालत ने मामले के 97 में से 82 आरोपियों को बरी करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ लगे आरोप साबित नहीं हुए हैं और यह बात संदेह से परे है।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, October 30, 2011, 16:41