Last Updated: Friday, August 17, 2012, 14:24
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 1975 में तत्कालीन रेल मंत्री एल एन मिश्रा की हत्या के मामले में आज मुकदमा खारिज करने से इनकार कर दिया और कहा कि सिर्फ इस आधार पर कार्यवाही को खारिज नहीं किया जा सकता कि इसमें पिछले 37 साल में निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका है ।
न्यायमूर्ति एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति सीके प्रसाद की पीठ ने आरोपी 65 वर्षीय अधिवक्ता रंजन द्विवेदी की याचिका को खारिज कर दिया । इसमें आग्रह किया गया था कि मुकदमे को खारिज कर दिया जाना चाहिए क्योंकि इसमें 37 साल में भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका है और यह अब भी जारी है ।
हालांकि, दोनों न्यायाधीश याचिका को खारिज करने पर सहमत थे, लेकिन दोनों के तर्कों में भिन्नता थी ।
न्यायमूर्ति दत्तू ने जहां आोपी पर मुकदमे को लंबा खींचने का आरोप लगाया, वहीं न्यायमूर्ति प्रसाद ने आरोपी के प्रति सहानुभूति जताई, लेकिन उसे इस आधार पर कोई राहत प्रदान करने से इनकार कर दिया कि शीर्ष अदालत की दो संवैधानिक पीठों के फैसले याचिकाकर्ता के पक्ष में आदेश पारित करने की अनुमति प्रदान नहीं करते ।
तीन जनवरी 1975 को बिहार के समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर एक समारोह के दौरान हुए बम विस्फोट में मिश्रा की मौत हो गई थी । इस मामले में द्विवेदी को आनंद मार्ग समूह के चार सदस्यों के साथ आरोपी बनाया गया जिनमें से एक की मौत हो चुकी है । (एजेंसी)
First Published: Friday, August 17, 2012, 14:24