Last Updated: Sunday, August 12, 2012, 22:31

नई दिल्ली : बलात्कार की घटनओं या निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों की ज्यादती जैसे अपराधों के मीडिया कवरेज के बारे में किरण बेदी की टिप्पणी पर विवाद पैदा हो गया है।
दरअसल, यह विवाद उस वक्त पैदा हुआ, जब पूर्व आईपीएस अधिकारी ने मीडिया पर संप्रग के मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप को नजरअंदाज करने और इस बारे में ‘टीम अन्ना’ (भंग हो चुकी) की ओर से साक्ष्य दिए जाने के बावजूद कवरेज नहीं दिए जाने का आरोप लगाया।
किरण ने कहा था, मीडिया ने इन पर (आरोपों पर) एक बार भी चर्चा नहीं की। जरा खुद से पूछिए। बलात्कार की किसी छोटी सी घटना पर या निचले स्तर के पुलिस अधिकारी की संलिप्तता वाले यौन उत्पीड़न पर आप किस तरह से चर्चा करते हैं। उन्होंने कहा, 15 मंत्रियों के खिलाफ प्रशांत भूषण और अरविंद केजरीवाल ने साक्ष्य दिया था लेकिन मीडिया से आपमें से किसी ने इस मुद्दे पर न तो कोई बहस कराई गई न ही चर्चा।
किरण ने योग गुरू रामदेव के अनशन से इतर यहां संवाददाताओं से कहा, मुझे बताइए जरा, आपने ऐसा क्यों नहीं किया? क्या आपको उनसे डर लगता है? अपनी टिप्पणी पर विवाद पैदा होने पर किरण ने ट्विटर पर लिखा है कि व्याकुल लोगों को खासतौर पर गलत समाचार दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा, मैंने कभी नहीं कहा कि बलात्कार एक छोटा सा अपराध है। मैंने कहा था कि जब निचले स्तर का कोई अधिकारी बलात्कार करता है तो उसे निलंबित कर दिया जाता है, लेकिन जब कोई कद्दावर व्यक्ति करता है तो वह बच जाता है। यह बात तुलनात्मक सजा के बारे में कही गई थी। बलात्कार में शामिल छोटे अधिकारी (बलात्कार के छोटे मामले नहीं) को निलंबित कर दिया जाता है जबकि बड़े लोग बच जाते हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, August 12, 2012, 22:31