Last Updated: Friday, February 10, 2012, 13:32
मुम्बई : 2003 में मुम्बई में हुए दोहरे बम विस्फोट मामले में बम्बई हाईकोर्ट ने शुक्रवार को लश्कर ए तैयबा के तीन सदस्यों को सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखा। इस मामले में पोटा अदालत ने एक महिला समेत तीन लोगों को मौत की सजा सुनाई थी।
हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति पीडी कोडे की खंडपीठ ने अशरत अंसारी (32), हनीफ सैयद अनीस (46) और उसकी पत्नी फहमिदा सैयद (43) को सुनाई गई मौत की सजा की पुष्टि कर दी, लेकिन निचली अदालत के उस आदेश को आंशिक रूप से खारिज कर दिया जिसमें पोटा समीक्षा समिति की रिपोर्ट के आधार पर दो अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया था।
हाईकोर्ट ने आतंक फैलाने, आपराधिक साजिश रचने और हत्या के आरोपों के आधार पर तीनों को सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखा। मोहम्मद अंसारी लड्डूवाला और मोहम्मद हसन बैटरीवाला को अब सुनवाई का सामना करना पड़ेगा लेकिन उनके खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत लगाये गए आरोपों में सुनवाई होगी, पोटा के तहत नहीं।
अदालत ने इन्हें निचली अदालत के समक्ष चार सप्ताह में उपस्थित होने को कहा, ताकि सुनवाई शुरू की जा सके। पीठ ने हालांकि सजा आठ माह तक स्थगित रखी है ताकि दोषी करार लोग सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकें। हाईकोर्ट ने पिछले वर्ष 11 नवंबर को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था।
(एजेंसी)
First Published: Friday, February 10, 2012, 19:51