Last Updated: Sunday, February 19, 2012, 18:32

अगरतला\अहमदाबाद : त्रिपुरा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों ने भी राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र (एनसीटीसी) का रविवार को विरोध किया। इसके साथ ही एनसीटीसी के गठन के प्रस्ताव का विरोध करने वाले मुख्यमंत्रियों की संख्या 12 हो गई है। उधर, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संप्रग सरकार पर देश के संघीय ढांचे पर हमला करने का आरोप लगाया।
केंद्र पर एकतरफा फैसला करने के संबंध में लग रहे आरोपों के बीच केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई साथ मिलकर लड़ी जानी चाहिए और इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। केंद्र की राज्यों के अधिकारों का उल्लंघन करने की कोई इच्छा नहीं है।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र की स्थापना के प्रस्ताव के विरोध में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है, एकतरफा आदेश सिर्फ गलतफहमी पैदा करेगा। अपने पत्र में सरकार ने सिंह से अनुरोध किया है कि गृह मंत्रालय द्वारा जारी एनसीटीसी आदेश को वापस लिया जाए और व्यापक विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू की जाए।
मोदी गृह मंत्री पी चिदंबरम के उस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिसमें कहा गया था कि सुरक्षा केंद्र और राज्यों की साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, विगत कुछ वर्षों में संप्रग सरकार भारत के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचा रही है और इसके कारण देश को खतरनाक हालात का सामना करना पड़ सकता है। मोदी ने कहा कि अपनी ताजा पहल के तहत किसी भी राज्य सरकार से पूछे या चर्चा किए बिना रातों रात उन्होंने (केंद्र ने) राज्यों से कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी छीनने का प्रयास किया है।
सरकार ने आतंकी समूहों के खिलाफ अभियानों में समन्वय करने के लिए आतंकवाद निरोधक निकाय को एक मार्च से शुरू करने का फैसला किया है। एनसीटीसी को गिरफ्तारी और तलाशी लेने की शक्तियां हैं। इन अभियानों के लिए उसकी एक अलग शाखा होगी।
हालांकि, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा समेत विभिन्न राज्यों ने इस कदम का विरोध किया है।
पश्चिम बंगाल को छोड़कर एनसीटीसी का विरोध करने वाले 11 अन्य गैर संप्रग शासित हैं। तृणमूल कांग्रेस संप्रग की महत्वपूर्ण सहयोगी है। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 20, 2012, 10:16