मुल्लापेरियार बांध: 9 अप्रैल से SC में सुनवाई

मुल्लापेरियार बांध: 9 अप्रैल से SC में सुनवाई

नई दिल्ली: तमिलनाडु और केरल के बीच मुल्लापेरियार बांध को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई में उच्चतम न्यायालय नौ अप्रैल से अंतिम सुनवाई करेगा।

न्यायमूर्ति आर एम लोढा, न्यायमूर्ति एच एल दत्तू, न्यायमूर्ति चंद्रमौलि कुमार प्रसाद, न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति एम वाई इकबाल की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने दोनों राज्यों को निर्देश दिया कि वे 15 मार्च तक सभी दस्तावेजों ओैर विशेषज्ञ समिति के निष्कषरे का आदान प्रदान कर लें। संविधान पीठ ने कहा कि इस मामले में अंतिम सुनवाई नौ अप्रैल से शुरू होगी।

इस बांध की सुरक्षा को लेकर दोनों राज्यों के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं। तमिलनाडु का तर्क है कि बांध सुरक्षित है ओैर इसका जल स्तर 132 फुट से बढ़ाकर 136 फुट किया जा सकता है जबकि केरल का कहना है कि बांध का ढांचा कमजोर है और इसे नये बांध से बदलना ही होगा।

शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त उच्चाधिकार समिति के दो सदस्यीय तकनीकी दल ने दिसंबर, 2011 में अपनी रिपोर्ट में कहा है कि हाल के भूकंप का मुल्लापेरियार बांध पर कोई असर नहीं पड़ा है और बांध पूरी तरह सुरक्षित है। न्यायालय ने फरवरी, 2010 में उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की थी।

तमिलनाडु ने बांध का जल स्तर 136 फुट तक सीमित करने संबंधी केरल के 2006 के कानून के खिलाफ वाद दायर कर रखा है। उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु को इसका जल स्तर 142 फुट तक करने की अनुमति दे दी थी। (एजेंसी)

First Published: Monday, January 28, 2013, 18:43

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