मुल्लापेरियार बांध सभी दृष्टि से सुरक्षित: समिति - Zee News हिंदी

मुल्लापेरियार बांध सभी दृष्टि से सुरक्षित: समिति



नई दिल्ली : मुल्लापेरियार बांध पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चाधिकार समिति ने कहा है कि 119 साल पुराना बांध ‘सुरक्षित’ है और उसने केरल सरकार से कहा कि वह नया बांध बनाने के अपने प्रस्ताव पर पुनर्विचार करे। गौरतलब है कि मुल्लापेरियार बांध को लेकर तमिलनाडु और केरल की सरकार के बीच टकराव चल रहा था।

 

पूर्व प्रधान न्यायाधीश एएस आनंद की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने यह भी सिफारिश की है कि बांध का जलस्तर मौजूदा 136 फुट से बढ़ाकर अब 142 फुट किया जा सकता है। यह बांध केरल के इडुक्की जिले में है और इसका रखरखाव तमिलनाडु लोक निर्माण विभाग करता है। सूत्रों ने बताया कि अपनी रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि मुल्लापेरियार बांध ‘जलीय, ढांचागत और भूकंप सभी दृष्टि से सुरक्षित है।’ समिति ने अपनी रिपोर्ट देने से पहले कई बार बांध स्थल का दौरा किया और कई परीक्षण तथा सर्वेक्षण किए थे।

 

रिपोर्ट का हवाला देते हुए सूत्रों ने बताया कि अधिकार संपन्न समिति ने निष्कर्ष दिया है कि मौजूदा मुल्लापेरियार बांध जलीय, ढांचागत और भूकंप सभी दृष्टि से सुरक्षित है। अधिकार संपन्न समिति का कहना है कि 1979 में घटाकर 136 फुट पर लाए गए पूर्ण जलाशय स्तर को 142 फुट पर बहाल किया जा सकता है।

 

समिति में तमिलनाडु और केरल दोनों राज्यों से उच्चतम न्यायालय के एक-एक पूर्व न्यायाधीश थे। समिति ने कहा कि मौजूदा सुरक्षा विश्लेषण की दृष्टि से अधिकार संपन्न समिति इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि नए बांध के निर्माण के संबंध में केरल के प्रस्ताव पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। जहां तमिलनाडु का कहना है कि बांध बिल्कुल सुरक्षित है और जल स्तर बढ़ाकर 142 फुट किया जा सकता है, वहीं केरल मौजूदा बांध के निकट नया बांध बनाने की जोरदार तरीके से मांग कर रहा है। रिपोर्ट के हवाले से सूत्रों ने कहा कि समिति ने यह भी कहा है कि बांध के निकट आए भूकंप की तीव्रता कम, अल्पकालिक और छिटपुट प्रकृति की थी।

 

समिति ने कहा है कि मुख्य और छोटा बांध दोनों सुरक्षित हैं और जलस्तर को 1979 के पहले के 142 फुट के स्तर पर बहाल किया जा सकता है। समिति ने कहा है कि बांध सुरक्षित रहेगा लेकिन ढांचे के रखरखाव के बावजूद इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि किसी के भी नियंत्रण के बाहर के कारणों के चलते उसमें समस्या नहीं आ सकती।

(एजेंसी)

First Published: Saturday, May 5, 2012, 17:59

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