मुश्किल वक्त में भारत ने साथ छोड़ दिया: सूची

मुश्किल वक्त में भारत ने साथ छोड़ दिया: सूची

मुश्किल वक्त में भारत ने साथ छोड़ दिया: सूचीनई दिल्ली : 25 वर्ष के अंतराल के बाद भारत लौटीं म्यांमा की विपक्षी नेता आंग सान सू ची ने कहा कि वह इस बात से दुखी हैं कि भारत ने उनके देश के सबसे मुश्किल वक्त में उसका साथ छोड़ दिया। सू ची ने उम्मीद जताई कि लोकतंत्र को हासिल करने की राह में भारत म्यामां का हमकदम होगा।

जवाहरलाल नेहरू स्मृति व्याख्यान देते हुए सू ची ने कहा कि मैं यह सोचकर दुखी हो जाती हूं कि मैं भारत से दूर हो गई या हमारे सबसे मुश्किल वक्त में भारत हमसे दूर हो गया। नोबेल शंति पुरस्कार से सम्मानित लोकतंत्र समर्थक नेता पिछली बार 1987 में भारत आई थीं। उनका कहना है कि म्यामां ने अभी लोकतंत्र का लक्ष्य हासिल नहीं किया। हम कोशिश कर रहे हैं और उम्मीद है कि इस अंतिम संघर्ष में भारत की जनता हमारे साथ होगी।


सू ची ने कहा कि उन्हें भारत और म्यामां की दोस्ती पर विश्वास था, जो दोनो देशों के प्रेम और भाईचारे पर आधारित रही।

उन्होंने कहा कि सरकारें आती हैं और जाती हैं यही लोकतंत्र है, लेकिन जनता बनी रहती है और जब तक हमारी जनता समझ और परस्पर सम्मान से बंधी रहेगी, हमारे दोनो देशों की दोस्ती भविष्य में लंबे समय तक कायम रहेगी।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू ऐसे दो भारतीय नेता हैं, जिन्हें वह अपने बहुत करीब पाती हैं। उन्होंने याद किया कि उनमें और भारत के प्रथम प्रधानमंत्री में बहुत सी समानताएं हैं। (एजेंसी)

First Published: Thursday, November 15, 2012, 09:03

comments powered by Disqus