Last Updated: Tuesday, November 6, 2012, 19:07
नई दिल्ली : बुजुर्गो के प्रति स्कूली छात्रों को संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय स्कूलों में नैतिक एवं मूल्यों पर आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पत्र लिखेगा।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कुमारी सैलजा ने कहा, मैं इस विषय को अपने सहयोगी (एचआरडी मंत्रालय में) के समक्ष उठाउंगी क्योंकि मैं महसूस करती हूं कि किसी भी नागरिक में संवेदनशीलता शुरू से ही विकसित की जानी चाहिये। जब हम बच्चे होते हैं तभी वह समय होता है जब इन मूल्यों को अपनाया जाये। मंत्री से पूछा गया था कि क्या उनका मंत्रालय बच्चों को बुजुर्गो के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए प्राथमिक स्कूलों में नैतिक एवं मूल्यों पर आधारित शिक्षा को शामिल करने की संभावना तलाश रहा है।
‘वृद्धावस्था’ के बारे में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए सैलजा ने बुजुर्गो का ध्यान रखने और सुरक्षा प्रदान करने की जरूरत पर जोर दिया ताकि उन्हें प्रगति में सहभागी के तौर पर देखा जाए, बोझ के तौर पर नहीं।
वरिष्ठ नागरिकों के लिये सरकार की ओर से उठाये गए कदमों का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि 1999 में बुजुर्ग लोगों के लिए घोषित राष्ट्रीय नीति (एनपीओपी) को बेहतर बनाये जाने की जरूरत है। सैलजा ने कहा, एलपीओपी की घोषणा हुए 12 वर्ष से अधिक समय गुजर चुका है। बदलती भौगोलिक स्थिति, सामाजिक आर्थिक परिस्थति और प्रौद्योगिकी संबंधी प्रगति को ध्यान में रखते हुए, सरकार इस नीति की समीक्षा करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि नयी नीति का मसौदा तैयार हो गया है और इस पर सभी पक्षों से व्यापक विचार विमर्श चल रहा है।
उन्होंने विभिन्न राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों से अभिभावकों और वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित कानून के तहत उनका कल्याण और देखरेख सुनिश्चित करने को कहा। सैलजा ने कहा, इस कानून पर सभी राज्य सरकारों को अमल करना है लेकिन इस पर अमल करने में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रदर्शन समान या संतोषजनक नहीं है। मंत्री ने कहा कि इसका एक कारण यह हो सकता है कि कानून के प्रावधानों के बारे में पर्याप्त जागरूकता की कमी है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, November 6, 2012, 19:07