Last Updated: Wednesday, May 9, 2012, 09:30
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने बुधवार को स्पष्ट किया कि मृत्युदंड से सम्बद्ध कानूनों की समीक्षा की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने बड़ी संख्या में दया याचिकाओं का निपटारा किया है।
राज्य सभा में सवालों का जवाब देते हुए चिदम्बरम ने कहा कि मौत की सजा को लेकर अलग-अलग विचार हैं लेकिन कोई भी आयोग इसे समाप्त करने के पक्ष में नहीं है।
चिदम्बरम ने कहा कि मृत्युदंड पर दो तरह के विचार हैं। कुछ देशों ने इसे पूरी तरह समाप्त कर दिया है जबकि कुछ अन्य देशों ने इसे कुछ मामलों तक सीमित किया है। भारत में जघन्य मामलों में फांसी की सजा दी जाती है।
उन्होंने कहा कि किसी भी रिपोर्ट में मृत्युदंड समाप्त करने की वकालत नहीं की गई है। वर्तमान सरकार फांसी की सजा समाप्त करने पर विचार नहीं कर रही है और न ही यह इसका समय है।
उन्होंने कहा कि मृत्युदंड से बचने के तरीके मौजूद हैं। इसके लिए राज्यपाल या राष्ट्रपति के पास विचार के लिए दया याचिका भेजी जा सकती है।
चिदम्बरम ने कहा कि बीते साढ़े तीन साल में हमने 16 दया याचिकाओं का निपटारा किया है। यह प्रक्रिया पहले की तुलना में तेज हुई है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 9, 2012, 15:17