Last Updated: Sunday, September 22, 2013, 12:59
नई दिल्ली : यात्रियों की सुरक्षा बढाने और चलती ट्रेनों में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के मकसद से मेट्रो की तर्ज पर रेलवे कुछ ट्रेनों की एसी कोच में स्वचालित दरवाजे लगाने पर विचार कर रहा है। नयी प्रणाली ड्राइवर अथवा गार्ड के केबिन से नियंत्रित होगी और जब ट्रेन स्टेशन पर आएगी तो सभी दरवाजे स्वचालित तौर पर खुलेंगे और जब रवाना होगी तो ये बंद हो जायेंगे। फिलहाल, ट्रेनों के दरवाजे हाथों से खोले और बंद किये जाते हैं।
रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, इस स्वचालित प्रणाली में जब तक सभी दरवाजे बंद नहीं होंगे, ट्रेन आगे नहीं बढेगी। ड्राइवर और गार्ड अपने कैबिन से इसे नियंत्रित करेंगे। ट्रेनों में यह स्वचालित प्रणाली शुरू करने के प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए रेलवे बोर्ड ने पिछले सप्ताह एक बैठक की।
अधिकारी ने कहा, आरडीएसओ (अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन) पायलट प्रोजेक्ट के तहत कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्टरी में 20 एसी कोच के रेक में इस प्रणाली पर काम कर रहा है। बहरहाल, अधिकारी ने कहा, इस प्रणाली से रैक को लैस करने से पहले ट्रायल के तौर पर दिल्ली डिवीजन में एक गैर एसी कोच में ऑटोमेटिक क्लोजिंग डोर सिस्टम शुरू किया जाएगा।
अधिकारी के मुताबिक, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने रेलवे को यात्री डिब्बों में स्वचालित दरवाजे लगाने का निर्देश दिया था, जिससे कि चलती ट्रेन से यात्री नीचे नहीं गिरे। रेलवे ने आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील की लेकिन शीर्ष न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 22, 2013, 12:59