मेडिकल भर्ती घोटाला: कांग्रेस सांसद रशीद मसूद को 4 साल की सजा, रद्द होगी संसद की सदस्यता

मेडिकल भर्ती घोटाला: कांग्रेस सांसद रशीद मसूद को 4 साल की सजा, रद्द होगी संसद की सदस्यता

मेडिकल भर्ती घोटाला: कांग्रेस सांसद रशीद मसूद को 4 साल की सजा, रद्द होगी संसद की सदस्यताज़ी मीडिया ब्यूरो/रामानुज सिंह

नई दिल्लीः चारा घोटाले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिए जाने के बाद आज (मंगलवार को) एमबीबीएस सीट अलॉटमेंट घोटाले के मामले में कांग्रेस सांसद रशीद मसूद को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई। अब मसूद की संसद की सदस्यता खत्म होगी। धोटाले के समय त्रिपुरा के आयुक्त रहे गुरदयाल सिंह को भी चार साल की सजा सुनाई गई है। इस मामले दोषी पाए गए नौ छात्रों को 1-1 साल की हुई है। रशीद मसूद समेत सभी दोषियों को हिरासत में लिया गया।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश जे.पी.एस. मलिक ने मसूद (67) को भ्रष्टाचार और अन्य मामलों में 19 सितंबर को दोषी करार दिया था। उन्हें 60,000 रुपये जुर्माना भी किया गया है। उन्हें त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज को केंद्रीय कोटे से आवंटित सीटों पर अयोग्य छात्रों को फर्जी तरीके से नामित करने के मामले में दोषी पाया गया था।

इस मामले में दो सरकारी नौकरों, पूर्व आईएएस अधिकारी गुरदयाल सिंह और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अमल कुमार राय को भी चार वर्ष करावास की सजा सुनाई गई है। अमल कुमार राय त्रिपुरा के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुधीर रंजन मजुमदार के सचिव थे। अदालत ने दोनों सरकारी सेवकों को भी एक-एक लाख रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है।

फर्जी तरीके से जिन नौ छात्रों को मेडिकल कॉलेज में नामांकन कराया गया था, उन्हें भी धोखाधड़ी का दोषी ठहराया गया है। सभी छात्रों को एक वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। छात्रों ने अदालत के सामने जमानत की अर्जी दायर की है। मसूद, विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार के कार्यकाल में 11 महीने तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रहे थे।

तीस हजारी अदालत में सजा की घोषणा के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया और उन्हें तिहाड़ जेल ले जाया गया। मसूद को मिली सजा को भारतीय राजनीति में ऐतिहासिक फैसला कहा जा सकता है। एक जेल अधिकारी ने बताया कि मसूद को जेल नंबर 5 में रखा जाएगा। सीबीआई ने मसूद को सात वर्ष सजा देने की मांग की थी। जांच एजेंसी ने कहा था कि कानून बनाने वाला ही कानून का भक्षक बन गया।

देश को आजादी मिलने के रोज पैदा हुए मसूद ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की। वे विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े रहे। वे भारतीय क्रांति दल, जनता पार्टी, लोक दल, जनता दल, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी में रहे। मसूद को सजा सुनाए जाने का स्वागत करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। पार्टी के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के मुताबिक दोषी ठहराए जाने के बाद उसी पार्टी के सांसद की सदस्यता जाएगी जिसके नेतृत्व में अभी केंद्र की सरकार है।

मसूद अगले 10 साल तक चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित हो सकते हैं। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के मुताबिक, जेल से रिहा किए जाने के बाद से छह साल तक किसी भी दागी और सजायाफ्ता सांसद या विधायक को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं होगा।

सर्वोच्च न्यायालय ने किसी सांसद एवं विधायक को दो साल या उससे अधिक अवधि की सजा या अन्य मामले में दोषी साबित किए जाने पर अयोग्य घोषित किए जाने का फैसला सुनाया था और इसके तहत मसूद के सामने राज्यसभा सदस्य के रूप में तत्काल अयोग्य करार दिए जाने का खतरा पैदा हो गया है।

सर्वोच्च न्यायलय ने 10 जुलाई को एक महत्वपूर्ण फैसले में निर्वाचन कानून के उस प्रावधान को निष्प्रभावी करार दिया था, जिसमें सांसद और विधायक को दोषी ठहराए जाने के 90 दिनों के अंदर अपील करने पर उनकी सदस्यता बरकरार रहने की सुविधा थी।

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य मसूद को भ्रष्टाचार निरोधी कानून और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और 468 (जालसाजी) के आरोप में दोषी पाया गया है। उन्हें आईपीसी की धारा 471 के तहत जाली दस्तावेज का इस्तेमाल करने के आरोप से मुक्त कर दिया गया।

First Published: Tuesday, October 1, 2013, 09:29

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