Last Updated: Friday, May 4, 2012, 06:34
सुकमा/नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ के सुकमा के जिलाधिकारी एलेक्स पॉल मेनन शुक्रवार सुबह घर पहुंच गए। इसके तत्काल बाद छत्तीसगढ़ के मु़ख्यमंत्री रमन सिंह ने इस बात से इनकार किया कि मेनन को मुक्त कराने के लिए नक्सलियों के साथ कोई गुप्त समझौता हुआ है। नक्सलियों ने मेनन को 13 दिन पहले अगवा कर लिया था।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 32 वर्षीय अधिकारी मेनन को नक्सलियों ने गुरुवार शाम 6.30 बजे छोड़ा। उन्हें तरमेटला में नक्सली मध्यस्थों को सौंपा गया। मेनन शुक्रवार को सुकमा स्थित अपने घर पहुंचे। उनकी गर्भवती पत्नी आशा उनके स्वागत के लिए घर के दरवाजे पर मौजूद थीं। आशा व परिवार के अन्य सदस्यों ने परम्परागत तरीके से आरती उतारकर मेनन का स्वागत किया। इस अवसर पर उनके घर के बाहर सैकड़ों मीडिया कर्मी मौजूद थे। कई स्थानीय लोग भी मेनन के स्वागत के लिए वहां जमा थे।
मेनन का छत्तीसगढ़ के बस्तर के जंगली इलाके से 21 अप्रैल को अपहरण किया गया था। नक्सली मेनन के दो अंगरक्षकों अमजद खान व किशन कुजुर की हत्या कर उन्हें अपने साथ अगवा कर ले गए थे। ऐसा माना जा रहा था कि नक्सली उन्हें भारी सुरक्षा वाले घने जंगल में ले गए थे। देखने में थके हुए लग रहे मेनन ने कहा कि वह नक्सलियों के चंगुल से मुक्त होकर अच्छा महसूस कर रहे हैं। उन्होंने चिंतलनार स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ के शिविर में एक रात बिताया। मेनन की रिहाई के बाद सुकमा स्थित उनके परिवार में और साथ ही तमिलनाडु स्थित उनके पैतृक घर पर जश्न का माहौल था।
नक्सली वार्ताकारों व सरकार के मध्यस्थों निर्मला बुच और एस.के. मिश्रा के सोमवार रात दो पृष्ठों के एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद मेनन की मुक्ति सुनिश्चित हुई थी। दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के मुताबिक एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की जाएगी जो नक्सलियों की सभी मांगों पर विचार करेगी। इन मांगों में कथित तौर पर झूठे आरोपों में जेल में बंद नक्सलियों की रिहाई का मुद्दा भी शामिल है।
रमन सिंह ने मेनन की रिहाई के बदले नक्सलियों के साथ किसी गुप्त समझौते से इनकार किया। रमन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि नक्सलियों के साथ हुआ समझौता कोई गोपनीय दस्तावेज नहीं है और उसे वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया गया है। वह उन रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, जिनमें नक्सलियों ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ सरकार कुछ बंदियों को जेल से रिहा करने पर सहमत हुई है। सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच की अध्यक्षता में एक सरकारी समिति गठित की गई है। छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक भी समिति में शामिल हैं। सिंह ने बताया कि समिति ने अपना काम शुरू कर दिया है और यह राज्य की जेलों में बंद बेगुनाह लोगों पर दर्ज मामलों की जांच करेगी। रमन ने इस बात से इनकार किया कि नक्सलियों के साथ कोई गुप्त समझौता किया गया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा और किसी भी बात पर सहमति नहीं बनी है। सिंह ने कहा कि वह चाहते हैं कि मेनन सुकमा के जिलाधिकारी के रूप में काम करते रहें।
ऑपरेशन ग्रीन हंट पर एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि इस तरह का कोई ऑपरेशन नहीं चल रहा है और राज्य सरकार के शब्दकोष में ऐसा कोई शब्द मौजूद नहीं है। सलवा जुडूम के नाम पर चलाई गई गतिविधियों के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने अपनी हिफाजत के लिए कदम आगे बढ़ाया, उन्होंने इसे कोई नाम दे दिया, वह सलवा जुडूम नहीं था। सिंह ने बंधक संकट से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय नीति बनाए जाने का भी आह्वान किया।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, May 5, 2012, 18:02