Last Updated: Friday, March 16, 2012, 15:10
नई दिल्ली : सेनाध्यक्ष जनरल वी के सिंह ने आरोप लगाया है कि ‘फर्जी’ जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करने तथा उनकी छवि धूमिल करने के लिए बल के भीतर के लोगों की ओर से ‘काफी राशि’ खर्च की गई क्योंकि उन्होंने उनके गलत कार्यों पर रोक लगा दी थी।
सेनाध्यक्ष जनरल सिंह की जन्मतिथि को लेकर काफी विवाद हुआ था। जनरल सिंह ने कहा कि उनके पास इस बात के सबूत हैं कि उनके खिलाफ ‘अपमानजनक और पूरी तरह से झूठी’ खबरों के पीछे सेना के भीतर के लोगों का हाथ था और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा, कई लोग मेरी छवि को धूमिल करने के पीछे लगे हुए थे क्योंकि वे मेरी ओर से गलत कार्यों के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई से खुश नहीं थे। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि मेरी फर्जी जन्मतिथि प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए कितनी राशि खर्च की गई। यह पूछे जाने पर कि उन्हें बदनाम करने के लिए राशि कौन खर्च कर रहा था, उन्होंने कहा, इसमें काफी लोग शामिल थे। कई लोगों को मेरे खिलाफ खबरें करने के लिए काफी राशि मुहैया करायी गई। ये खबरें अपमानजनक और पूरी तरह से फर्जी थीं।
यह कहे जाने पर कि एक अवकाशप्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल पर पहले ही उनके खिलाफ साजिश रचने के आरोप लगाये गए हैं, उन्होंने कहा, वह अकेले नहीं थे। हमने ऐसे कई लोगों की पहचान की है। उन्होंने कहा, हमारे पास इस बात के सबूत हैं कि दस्तावेज कैसे लीक किये गए और राशि कैसे दी गई तथा यह कि वे सेना के भीतर के थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इस बात का लेकर आश्चर्य हुआ कि वर्तमान में कार्यरत अधिकारी उनके खिलाफ कार्य कर रहे हैं, सेनाध्यक्ष ने कहा, हमारे जैसे बड़े संगठन में आपको ऐसे व्यक्ति मिलेंगे जो यह महसूस करते हैं कि उन्हें छोड़ दिया गया है। ऐसे लोग थे जो गलत कार्य में लिप्त थे लेकिन जब हमने उन पर रोक लगायी तो वे मेरे खिलाफ हो गए। जनरल सिंह ने कहा, हमारे पास सबूत हैं और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। यदि किसी ने सेना के साथ विश्वासघात किया है तो उसे सजा मिलेगी। यह सेना का नियम है। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 16, 2012, 20:40