Last Updated: Monday, December 17, 2012, 22:36

पटना : वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की चर्चा के बीच इस पद के दूसरे संभावित उम्मीदवार बताये जा रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद के उस बयान से सहमति जताई जिसमें उन्होंने कहा था कि वे समझते हैं कि राजग में शामिल बडी पार्टी के नेता को ही प्रधानमंत्री बनना चाहिये।
पटना के एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर आज आयोजित जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश ने कहा ‘ये बातें तो हम रोज बोलते हैं। अगर हमारी बातों को ही रविशंकर प्रसाद दुहराते हैं तो इसमें क्या हर्ज है। हम तो कभी ऐसा सोचते भी नहीं हैं।’ उन्होंने कहा ‘हमारे पास जो भी क्षमता और शक्ति है उसमें हम बिहार की सेवा करना चाहते हैं। इससे आगे न तो हम सोचते हैं और न कहते हैं।’ यह पूछे जाने पर कि राजग में प्रधानमंत्री पद के एक मजबूत दावेदार माने जाने वाले नरेंद्र मोदी भी यही कह रहे हैं कि गुजरात की सेवा करके ही खुश हैं, नीतीश ने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार किया।
गुजरात में जारी विधानसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बेहतर रहने को लेकर पूछे गए एक प्रश्न पर नीतीश ने कहा कि गुजरात संपन्न प्रदेश है। सबको वोट देना चाहिये, वोट देना लोकतंत्र की खूबसूरती है। उन्होंने कहा कि हर प्रदेश में मतदान का प्रतिशत बढ रहा है। लोकतंत्र में लोगों की आस्था बढ रही है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग विचारणीय नहीं है, को लेकर पूछे गए एक प्रश्न पर प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उन्होंने हाल में ही प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें छह पृष्ठों का पत्र विशेष राज्य की मांग और उसके औचित्य पर प्रकाश डालते हुये समर्पित किया है। नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री से मुलाकात कर विशेष राज्य दिये जाने की मांग को उन्होंने पुन: उठाया है। बार-बार प्रश्न उठता है कि बिहार अकेला राज्य नहीं है अन्य राज्यों को भी विशेष राज्य का दर्जा देना होगा इसलिये तो मैंने मांग किया है कि बिहार के साथ-साथ अन्य पिछडे राज्यों को भी दर्जा दिया जाये। उन्हें भी विकास में भागीदार बनाया जाये।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अंतरमंत्रालयी समूह का गठन कर विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पर विचार करने के लिए किया था। अंतरमंत्रालयी समूह ने अपना प्रतिवेदन योजना विभाग को सौंपा है। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 17, 2012, 22:36