Last Updated: Friday, June 21, 2013, 15:48

नई दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से प्रधानमंत्री बनने की किसी भी इच्छा का खंडन करते हुए कहा कि वह पीएम पद की रेस में नहीं हैं। अवसरवादी होने और भाजपा को धोखा देने के खुद पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू ने राजग इसलिए छोड़ा क्योंकि भगवा पार्टी अपने वादों पर कायम नहीं रही। नीतीश ने कहा कि भाजपा ने विवादास्पद मुद्दों को उठने से रोकने और ऐसे नेताओं का कद नहीं बढ़ाने का वादा किया था जिनके चलते गठबंधन का विस्तार नहीं हो सकता है।
एक अंग्रेजी न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में कुमार ने कहा, ‘हमने भाजपा को धोखा नहीं दिया। यह आरोप कि मैं अवसरवादी हूं, आधारहीन है। हम राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में इस आश्वासन के बाद शामिल हुए थे कि राम मंदिर निर्माण, धारा 370 और समान नागरिक संहिता जैसे विवादास्पद मुद्दों को नहीं उठाया जाएगा।’ कुमार ने कहा कि जदयू ने भाजपा को यह स्पष्ट कर दिया था कि उसे ‘ऐसे नेताओं को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए जो गठबंधन का विस्तार नहीं कर सकते हैं। बिहार में हमने भाजपा से कहा था कि बाहरी ताकतों को अलग रखा जाए।’
भाजपा की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष बनाए गए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना कुमार ने कहा कि कद बढ़ाने के लिए आसपास जिस तरह का माहौल बनाया गया, उसने कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, ‘हमने अपनी आशंका से भाजपा को अवगत करा दिया था। हमने भाजपा से कहा था कि सहयोगियों से विचार विमर्श किए बिना किसी नेता का नाम घोषित नहीं किया जाए। भाजपा का नया मॉडल सबको साथ लेकर नहीं चल सकता। भाजपा अपने मार्ग से हट गई है और उसने एक अलग रूख अख्तियार किया।’
कुमार ने गुजरात के विकास मॉडल को खारिज कर दिया और कहा कि एक ही मॉडल पूरे देश में काम नहीं कर सकता। कुमार ने कहा कि अलग-अलग राज्यों के लिए विकास के अलग-अलग मॉडल हैं। बिहार जो कि अविकसित रहा है उसका हमने विकास किया है। विकास कॉरपोरेट्स का नहीं बल्कि वंचितों के लिए होना है। कुमार ने वाजपेयी की प्रशंसा की जो सभी मित्र दलों को साथ लेकर चलते थे। उन्होंने दृढ़ता के साथ कहा कि जदयू ने हमेशा से ही हिंदुत्व का विरोध किया है। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 21, 2013, 15:48